
हो गई घर की साफ-सफाई
व्हाट्सएप्प और फेसबुक पर
लोग देने लगे बधाई
आई दिवाली आई
खुशियों की सौगात लाई
देखकर दुकानें दुल्हन सी सजी-धजी
मैं भी सरपट दौड़ी-भागी बाजार गई
खरीद लाई नये लत्ते-कपड़े घर भर के
अब कैसे कहूँ बड़ी कमरतोड़ है महंगाई

बेरौनक बाजार में रंगत छाई
आई दिवाली आई
खुशियों की सौगात लाई
लगी है घर-दफ्तर की भागम-भाग
पर लक्ष्मी पूजन सामग्री भी लाना है
दीए, खील-बताशे, मिठाई, बम-पटाखे
उफ! लंबी सूची, पकवान भी बनाना है
दीपक बन उजियारा फैलाओ जग में

आई दिवाली आई
खुशियों की सौगात लाई
सबकी अपनी-अपनी दिवाली
सबके अपने-अपने ढँग हैं
धूम-धड़ाका देख तमाशा
जाने छिपे कितने रंग हैं
सबका अपना हिसाब-किताब यहाँ
सीधा हो या जुआड़ी-नशेड़ी भाई
आई दिवाली आई
खुशियों की सौगात लाई
ज्योति पर्व का प्रकाश आप सभी के जीवन को सुख, समृद्धि एवं वैभव से आलोकित करे, इसी शुभकामना के साथ...... कविता रावत