चलो आज गोवर्धन पूजें,
मन में धरे गिरधर गोपाल।
कृष्णमय होवे हर दिशा,
बरसे कृपा ब्रज के लाल॥
प्रेम-विश्वास की साखी गोवर्धन,
कृष्ण ने उठाया, कियो प्रताप उजास।
इंद्र का घमंड पल भर में टूटा,
ब्रजवासी पाए प्रभु की आस॥
चलो आज गोवर्धन पूजें.....
गोबर से पर्वत आज रचाओ,
अन्नकूट सजे स्वाद के साज।
गौ-सेवा का प्रण मन में धारो,
प्रकृति से जुड़ो, भजो ब्रजराज॥
चलो आज गोवर्धन पूजें......
दीपक की ऐसी पाँति सजाओ,
बृज की भक्ति, सरलता झलके।
गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाओ,
चलो आज गोवर्धन पूजें.......
जय बोलो गिरधर गोपाल की,
जय यशोदा के लाल की।
सुख-शांति बरसे हर घर में,
जय गोवर्धन ब्रजलाल की॥
चलो आज गोवर्धन पूजें.....
... कविता रावत
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