करवा चौथ का आया त्यौहार,
सुहागन के जीवन में लाई खुशियों की बहार।
अपने पिया के लिए उपवास है रखती,
उनके नाम की सिन्दूर अपनी माँग में भरती।
पिया के नाम की मेहंदी है रचाई,
करके सोलह श्रृंगार दुल्हन सी बन आई।
लेकर हाथों में पूजा की थाली लाई,
रात सुहागों वाली आई
दिन भर की भूखी प्यासी बेकरार,
बस चंद्र दर्शन पाने का इंतज़ार।
छलनी से करने अपने पिया का दीदार,
ऐ चांद तुम देर न लगाना,
बादलों में कहीं छुप न जाना।
ऐ चांद तुम जल्दी से आना,
लंबी उम्र का वर, पिया को दे जाना।
करवा चौथ का आया त्यौहार,
सुहागन के जीवन में लाई खुशियों की बहार।
पिया के हाथ से पीकर जल,
व्रत पूरा करूँ और मन हो जाए निहाल।
माँगे सदा यही वरदान उस ऊपर वाले से,
माँग सदा दमकती रहे,
बिंदिया हमेशा चमकती रहे।
पिया मेरे हँसते मुस्कुराते रहें,
पति पत्नी का रिश्ता जैसे दिया और बाती।
जीवन भर तुम साथ निभाना,
ओ मेरे जीवन साथी!
#करवाचौथगीत2025
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