उत्तरायण और दक्षिणायन सूर्य के संक्रमण में दो महत्वूपर्ण संयोग हैं। सूर्य 6 मास उत्तरायण और 6 माह दक्षिणायन में रहता है। उत्तरायण काल में सूर्य उत्तर की ओर तथा दक्षिणायन-काल में दक्षिण की ओर मुड़ता-सा दिखाई देता है। इसीलिए उत्तरायण काल की दशा में दिन बड़ा और रात छोटी तथा दक्षिणायन की दशा में रात बड़ी और दिन छोटा होता है। मकर-संक्रांति में सूर्य उत्तरायण एवं कर्क-संक्रांति में दक्षिणायन की ओर गमन करता है। मकर संक्रांति सूर्य उपासना का पर्व है। सूर्य को कृषि का देवता माना जाता है। सूर्य का तेज ताप अन्न को पकाता है, समृद्ध करता है, इसीलिए उसका एक नाम ’पूपा’ अर्थात पुष्ट करने वाला भी है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य पूजा करके किसान सूर्य देव के प्रति अपनी कृतज्ञता अर्पित करते हैं।
तमिलनाडु में मकर-संक्रांति को पोंगल पर्व रूप में मनाया जाता है। इसे वे द्रविड़ सभ्यता की उपज मानते हैं। यही कारण है कि द्रविड़ लोग इसे धूम-धाम से मनाते हैं। मद्रास में पोंगल ही ऐसा पर्व है जिसे सभी वर्ग के लोग मनाते हैं। पंजाब में लोहड़ी पर्व मकर-संक्रांति की पूर्व संध्या को मनाया जाता है। यह हंसी-खुशी और उल्लास का विशिष्ट पर्व है। मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर लकड़ियां एकत्रित कर जलाई जाती हैं। तिलों, मक्की की खीलों से अग्नि-पूजन की परम्परा है। अग्नि के चारों ओर नाचना-गाना पर्व के उल्लास का प्रतीक है। प्रत्येक पंजाबी परिवार में नव-वधू या नव-शिशु की पहली लोहड़ी को विशेष समारोह के रूप में मनाया जाता है।
उत्तर-भारत में इस पर्व पर गंगा, यमुना अथवा पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान तथा तिल, गुड़, खिचड़ी आदि दान देने का महत्व है। तीर्थराज प्रयाग और गंगा सागर (कलकत्ता) में इस अवसर पर विशाल मेला लगता है, जहां देश के अन्य प्रांतों से भी हजारों तीर्थयात्री पहुंचते हैं। शीत ऋतु के लिए तिल, गुड़, मेवा आदि बलबर्द्धक पदार्थ हैं। इनके सेवन से शरीर पुष्ट होता है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस शीत ऋतु में तिल, गुड़ और गर्म भोजन का सेवन नहीं करता, वह मंद भागी होता है। संक्रांति पर्व पर तिल, गुड़, मेवा दान की प्रथा शायद इसीलिए रही है कि कोई मंद भागी न रहे।
सभी ब्लॉगर्स साथियों और सुधि पाठकों को मकर संक्रांति, पोंगल,माघी,बिहू पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
19 टिप्पणियां:
मकर संक्रांति पर सुंदर एवं विस्तृत जानकारी देता आलेख कविता जी।
मकर संक्रांति पर अच्छी जानकारी ..
मकर संक्रांति की अनंत शुभकामनाएं..
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मकर संक्रांति की शुभकामनाएं.
शुभकामनाएं ।
सुंदर एवं विस्तृत जानकारी देता आलेख कविता जी।
मकर संक्रांति की हार्दिक मंगलकामनाएं! त्यौहार हमारी सभ्यता -संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। नई पीढ़ी को ऐसी सारगर्भित जानकारी देना लाज़मी है।
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं।
ज्ञानवर्धक प्रस्तुति
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं।
सुन्दर जानकारी. लेकिन मुझे 14 जनवरी को उत्तरायण और 23 दिसंबर को होने वाले अयनांत (solstice) के संबंधो को लेकर भ्रम बना हुआ है.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। .... Thanks for sharing this!! :) :)
बहुत महत्वपूर्ण, रुचिकर जानकारी! मुझे मेरे कई प्रश्नों के उत्तर मिल गए.. धन्यवाद आपका कविता जी:)
धन्यवाद कविता जी । आपने मकर संक्रान्ति के बारे में में विस्तार से बताया हैं । इस पर्व के बारे में मेरी जानकारी थोडी कम थी लेकिन अब आप के लेख को पढने से जानकारी बढ गई ।
धन्यवाद कविता जी । आपने मकर संक्रान्ति के बारे में में विस्तार से बताया हैं । इस पर्व के बारे में मेरी जानकारी थोडी कम थी लेकिन अब आप के लेख को पढने से जानकारी बढ गई ।
मकर संक्रांति की आपको भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं
मकर संक्रांति के बाेर में अच्छी जानकारी दी आपने
बहुत ही अच्छी रचना की प्रस्तुति। आपको भी मकर संक्राति की बहुत बहुत बधाईयां। कीप राइटिंग रचना जी।
waah ...mouth watering laddoo...mazaa aa gayaa
बहुत सुन्दर जानकारी...शुभकामनाएं
बहुत ही बढ़िया और सुंदर जानकरी दिया आपने थैंक्स
मकर संक्रांति पर बहुत अच्छी जानकारी.. धन्यवाद कविता जी
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