
जब तक चूजे अंडे से बाहर न आ जाएं
तब तक उनकी गिनती नहीं करनी चाहिए
जब तक ताजा पानी न मिल जाए
तब तक गंदे पानी को नहीं फेंकना चाहिए
भालू को मारने से पहले उसके खाल की कीमत नहीं लगानी चाहिए
मछली पकड़ने से पहले ही उसके तलने की बात नहीं करनी चाहिए
हाथ आई चिड़िया आसमान उड़ते गिद्द से कहीं अच्छी होती है
दूर की बड़ी मछली से पास की छोटी मछली भली होती है
पास का खुरदरा पत्थर दूर चिकने पत्थर से अच्छा होता है
बहुत बार प्याला होठों तक आते-आते हाथ से छूट जाता है
एक छोटा उपहार किसी वचन से बड़ा होता है
कल की मुर्गी से आज का अंडा भला होता है
17 टिप्पणियां:
बहोत खूब ..सच्ची बात
हाथ पकडती है और कहती है ये बाब ना रख (गजल 4)
हर पंक्ति सुनने, समझने और गुनने लायक। बहुत सार्थक रचना आदरणीया कविता जी
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (20-05-2018) को "वो ही अधिक अमीर" (चर्चा अंक-2976) (चर्चा अंक-2969) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर सार्थक रचना कविता जी।
बहुत सुंदर रचना
सुन्दर
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन रस्किन बांड और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
सुंदर प्रस्तुति .
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, कविता जी।
सुंदर और शिक्षाप्रद रचना..
Nice Lines,Convert your lines in book form with
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बहुत सुन्दर सार्थक , शिक्षाप्रद रचना...
वाह!!!
बहुत बढिया, शुभकामनाएं।
जानिए क्या है बस्तर का सल्फ़ी लंदा
निमंत्रण
विशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
बहुत सुंदर रचना कविता जी, बहुत ही अच्छे अर्थ के साथ. और साथ ही विचार करने जैसी रचना.
बहुत खूब ...
क्या करना क्या नहीं ... कब करना है कब नहीं ... इन्ही सब बातों का मूल्यांकन करती हुयी लाजवाब पोस्ट है ..
गहरी बातें है जिनको सोचना जरूरी है ...
क्या करें और क्या न करें, के निहितार्थ ज्ञान संकलन।
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