लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की सुदीर्घ परंपरा है। यह किसी भी देश के संस्कृति, चिंतन और मूल्यों को भी अपने अंदर समाहित किए होते हैं। ये समाज के दीर्घ अनुभव और चिंतन से उपजे सत्य होते हैं, जिनके प्रयोग से थोड़े शब्दों में बड़ी बातें कही जा सकती हैं और उनमें छिपी अन्तर्कथाएँ और जानने को प्रेरित करती हैं। आजकल हिंदी साहित्य लेखन में लोकोक्तियों का प्रयोग बहुत कम देखने को मिल रहा है, जिससे इनकी सांस्कृतिकता भी खतरे में पड़ गयी है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु मेरे द्वारा लोकोक्तियों को सरल ढंग से कविता के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है मेरी यह कृति पाठकों के साथ ही विद्यालय और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में लोकोक्तियों के प्रति जिज्ञासा और जागरूकता उत्पन्न करेगी और समीक्षकों की दृष्टि से भी उपादेय सिद्ध होगी।
मेरे द्वारा 'लोकोक्तियों की कविता' शब्द.इन मंच के 'बेस्ट सेलर प्रतियोगिता जून २०२२' के प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस प्रतियोगिता में सर्वाधिक क्रय की गयी पुस्तक को विजेता घोषित किया जाएगा, जिसे शब्द.इन प्रकाशन द्वारा '35000 रुपये की वैल्यू का शब्द.इन का स्टैण्डर्ड मार्केटिंग पैकेज' के तहत प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें पुस्तक का पेपर बैक प्रकाशन, अमेज़न फ्लिपकार्ट जैसे ई कॉमर्स साइट पर मुफ्त लिस्टिंग के साथ ही साथ रिव्यू की सुविधा औऱ पुस्तक की सेल के लिए मार्केटिंग प्रमोशन निःशुल्क रहेगी।
मैं इस प्रतियोगिता में 'लोकोक्तियों की कविता' लेकर तैयार बैठी हूँ, लेकिन मुझे मेरे ब्लॉगर साथियों और पाठकों का विजेता बनाने में साथ देने की प्रतीक्षा है। कृपया इस कविता संग्रह को ऑनलाइन क्रय कर मुझे विजेता बनाने हेतु अपना अमूल्य योगदान देने की कृपा करें।
Link 'लोकोक्तियों की कविता'
https://hindi.shabd.in/books/10087557
कविता रावत
3 comments:
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (02-07-2022) को चर्चा मंच "उतर गया है ताज" (चर्चा अंक-4478) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शुभकामनाएँ
आत्मीय शुभकामनाएं।
बहुत सार्थक प्रयास।
पुस्तक की कामयाबी निश्चित है,विषय यूनीक है।
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