लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर एक कविता - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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रविवार, 2 अक्तूबर 2022

लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर एक कविता

छोटा सा तन हिया हिमालय,लाल बहादुर लाल का


छोटी काया, दूर गांव था, पैदल आते-जाते थे।
सावन-भादौ नदी पार कर, प्रतिदिन पढ़ने जाते थे।।
भारी बस्ता, हालत खस्ता, पग में छाले पड़ जाते थे।
खुद पानी में सिर पर बस्ता नदी पार कर जाते थे।

संघर्षों से रहा जूझता जीवन प्यारे लाल का।
छोटा सा तन हिया हिमालय,लाल बहादुर लाल का।

लाल बहादुर वीर बालक का भावी पथ प्रधान था।
संघर्षों ने पाला उसको, वह तपा हुआ इन्सान था।।
कर्त्तव्यनिष्ठ , कर्मठ, कर्मयोगी, निष्ठावान महान था।
मानवता, स्नेह का पुतला, सात्विक तपस्वी समान था।।

अमन चैन शान्ति का पुजारी, योगी लाल कमाल था।
छोटा-सा तन हिया हिया हिमालय, लाल बहादुर लाल का।।

युग निर्माता, भाग्य विधाता, राष्ट्र-निर्माता था।
शौर्य शक्ति का पुजारी साक्षात् दुर्गा समान था।।

शान्तिदूत अहिंसा-पूजक, नर शिरोमणि सुजान था।
सब धर्मां के मधुर मिलन का, ज्योतित दीप आह्वान था।

कोटि-कोटि वन्दन अर्चन, करूँ माँ भारती के लाल का।
छोटा-सा तन हिया हिमालय, लाल बहादुर लाल का।।
                                                           … अज्ञात 

लाल बहादुर शास्त्री जयंती की हार्दिक शुभकामनायें!