आज दुष्यंत कुमार Smarak Pandulipi संग्रहालय Bhopal में गीत और कविता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें युवा कवि और गायक Kavish Seth ने अपनी कविताओं और गीतों को अपनी मधुर आवाज में गाकर उपस्थित संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया। उनके द्वारा जैसे ही सबसे पहले अपनी 12 जुलाई को रिलीज होने वाले गाने #न जाने कब से अंग्रेजी भूत सवार है, हम हिंदी बोले तो बोलेंगे गंवार है#गाया, उपस्थित श्रोतागणों ने तालियां बजाते हुए उनका भरपूर साथ दिया। इसके अलावा उन्होंने #वो जमाना चला गया है, आज का दिन यूं ही मैने जाने दिया है ......... #भले जैसे-तैसे गृहस्थी चलाना, भले जाके जंगल धूनी जमाना, मगर मेरे बेटे कचहरी न जाना ............ #बड़ी पुरानी फिदरत है मोहब्बत की, गलत समय पे होती, सही वक्त आये न............. #मोहब्बत जब तक कमरों में रहेगी, नफरत सड़कों पर रहेगी, मान लो तब तक लोगों को लोगों से नफरत रहेगी# अंतिम प्रस्तुति में उन्होंने दुश्यंत कुमार की प्रसिद्ध गजल "हो गई है पीर पर्वत-सी" गाकर कर उन्हें जीवंत कर दिया।
रविवार, 9 जुलाई 2023
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हो गई है पीर पर्वत-सी - Geet व Kavita पाठ : Kavish Seth l दुष्यंत कुमार ...
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।
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