जरुरी तो नहीं - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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रविवार, 25 अक्टूबर 2009

जरुरी तो नहीं

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देखकर दिल दहला जाने वाला मंजर
हर किसी का दिल दहल जाय
जरुरी तो नहीं
देखकर सुन्दर] मनोरम दृश्य कोई
सबके मन को सुकूं मिल जाय
जरुरी तो नहीं
उसका दिल पिघलता है बर्फ की तरह
सबके लिए पिघल जाय
जरुरी तो नहीं
लोहे जैसा मजबूत दिल रखता है वह
पर सबके लिए मजबूत हो
जरुरी तो नहीं
माना कि उनकी बातें होती हैं असरदार
पर सब पर हो जाय असर
जरुरी तो नहीं
उनकी बातों में कितनी गहराई] सच्चाई है
सबको आईना सा दिख जाय
जरुरी तो नहीं

कविता रावत