जंगल के राजा शेर ने एक आपात बैठक बुलाई - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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सोमवार, 18 जनवरी 2010

जंगल के राजा शेर ने एक आपात बैठक बुलाई


एक बार जंगल के राजा शेर ने
एक आपात बैठक बुलाई
प्रस्ताव रखा-
'हम सबका भी एक कुशल राजनेता हो
जिसमें हो गहरी सूझ-बूझ और चतुराई'
सुनकर प्रस्ताव झटके से गजराज बोले-
"मैं हूँ शक्तिशाली मैं ही राजनेता बनूँगा
जो भी गड़बड़ घोटाला करेगा शासन में
उसे मैं तुरंत मसल कर रख दूंगा"
सुनकर गजराज के बातें हिलते-डुलते
भालूराम जी बोले-
"आप सभी की कृपा से यदि मैं राजनेता बनूँगा
तो मैं सभी भाई-बंधुओं से पक्का वादा करता हूँ
कि प्रतिदिन सबको नए-नए डिस्को दिखलाऊंगा"
भालूराम जी कि बातें सुनकर शरमाते हुए
गधेचंद जी बोले -
"भाई-बंधुओं! मैं सीधा-साधा मेरी सुनो मुझे राजनेता बनाना
मेरी पीठ पर लाद-लादकर ईंट-पत्थर तुम
अपनी बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करते जाना"
यह सुनते ही एक कोने में दुबका मूषकराज उछालकर बोला-
"मुझे बना लो अपना राजनेता, मेरा राज-काज होगा महान
कोई न होगा भूखा-नंगा, सबको मिलेगा रोटी-कपडा और मकान"
सबके मन में राजनेता बनने को तीव्र लालसा
सबने अपनी-चिकनी-चुपड़ी बातें सुनाई
किन्तु समस्या जहाँ की तहां रही
सुलझाये सभी किन्तु सुलझ न पाई
अंत में राजा शेर से मंत्रणा करके
मंत्री महोदय सियार बोले-
"साथियो! हमने तय किया है हम प्रजातंत्र की राह चलेंगे
अब वोट के द्वारा ही हम अपना राजनेता चुना करेंगे"
यह सुनकर सबने प्रस्ताव का समर्थन किया
और अपना-अपना मत डालना आरंभ किया
जब मतगणना हुई और मूषकराज राजनेता चुने गए
यह देखकर वे मन में फूले न समाये
राजनेता बनकर मूषकराज ने चतुराई से हेर-फेर कर
फाईलें कुतर-कुतर कर बिल में दे डाले
कभी पकड़ न पाया कोई उसे
जब कर डाले उसने घोटाले

copyright@Kavita Rawat

13 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आज के राजनीतिक माहोल का सजीव चित्रन है ........ आजके राजनेता भी मूषक की तरह हैं . अब्दर ही अंदर सब खोखला कर रहे हैं .. घोटाले भी बाहर नही आते .......

Apanatva ने कहा…

bahut samyik .acchee lagee aapkee ye rachana .swasthy ab kaisa hai....?Dhyan rakhiyega.

vedvyathit ने कहा…

rajniti ke chahre kitne hain veebhts ghne hote
kya kr skte ho un ka ve sb kuchh se upr hote
kuchh bhi kh lo frk nhi hai asr nhi pdta un pr
kaise kaise neta dekho stta pr kabij hote
dr.vedvyithit@gmail.com
http://sahityasrajakved.blogspot

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

मनोज कुमार ने कहा…

इस रचना का सहज हास्य मन को गुदगुदा देता है। आपके पास हास्य चित्रण की कला है। बधाई स्वीकारें।

शरद कोकास ने कहा…

कविता मे कहानी ..अच्छा प्रयोग है ।

Unknown ने कहा…

सरल शब्दो मे राजनीति का चित्र खीचा है. सुन्दर रचना.

प्रकाश पाखी ने कहा…

सटीकता से सब कुछ कह दिया है...वर्तमान में लागू होती है सब बातें!

प्रकाश पाखी ने कहा…

सटीकता से सब कुछ कह दिया है...वर्तमान में लागू होती है सब बातें!

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

bahut badhia laga.

निर्मला कपिला ने कहा…

हम्म्म्म तो आज कल राजनीति पर पूरी नज़र है। बहुत सही लिखा है शुभकामनायें

संजय भास्‍कर ने कहा…

आज के राजनीतिक माहोल का सजीव चित्रन है

Unknown ने कहा…

Kya Tha yah. Kya hindi ke naam par yahi baaten ho sakati hain. Aisa laga jaise madaari ka khel tha.