संघर्ष की सुखद अनुभूति - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

सोमवार, 4 अक्तूबर 2010

संघर्ष की सुखद अनुभूति

आशा और निराशा के बीच
झूलते-डूबते-उतराते
घोर निराशा के क्षण में भी
अविरल भाव से लक्ष्य प्राप्ति हेतु
आशावान बने रहना
बहुत मुश्किल पर नामुमकिन नही
होता है इसका अहसास
सफलता की सीढ़ी-दर-सीढ़ी
चढ़ने के उपरांत
चिर प्रतीक्षा चिर संघर्ष के बाद
मिलने वाली हर ख़ुशी
बेजोड़ व अनमोल है
क्योंकि इसकी सुखद अनुभूति
वही महसूस कर सकता है
जिसने हर हाल में रहकर
अपना सघर्ष जारी रखकर
कोशिश की सबको साथ लेकर
निरंतर बने रहने की
कभी भाग्य के भरोसे नहीं बैठे
लगे रहे कर्म अपना मानकर
और सफलता के मुकाम पर पहुचे
सगर्व, सम्मान
तभी तो कहा जाता है
आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है
छोटी-छोटी लड़ाईयां जीतने के बाद ही
कोई बड़ी जंग जीतता है

               .....कविता रावत

38 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है
छोटी-छोटी लड़ाईयां जीतने के बाद ही
कोई बड़ी जंग जीतता है

बहुत सटीक बात ...सुन्दर अभिव्यक्ति

ZEAL ने कहा…

चढ़ने के उपरांत
चिर प्रतीक्षा चिर संघर्ष के बाद
मिलने वाली हर ख़ुशी
बेजोड़ व अनमोल है...

An absolute truth !

.

बेनामी ने कहा…

bahut hi khubsurat kavita...
aisi hi kuch kavita maine aaj se kareeb 8 saal pehle likhi thi jaldi hi dubara post karunga.. lekin filhaal...
मेरे ब्लॉग पर इस बार ....
क्या बांटना चाहेंगे हमसे आपकी रचनायें...
अपनी टिप्पणी ज़रूर दें...
http://i555.blogspot.com/2010/10/blog-post_04.html

Apanatva ने कहा…

कभी भाग्य के भरोसे नहीं बैठे
लगे रहे कर्म अपना मानकर
और सफलता के मुकाम पर पहुचे
सगर्व, सम्मान
तभी तो कहा जाता है
आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है

bahut sahee baat.......

kahavat hai na maihnat ka ful meetha........
sarthak post.

Unknown ने कहा…

aasha hi to jiwan hai , nirasha maut ka dusara nam hai jiwan aur maut ka khel hr jiwan me hr pal chal raha hai
arganikbhagyoday.blogspot.com

Dhanesh Kothari ने कहा…

आशाओं के पहलु में है नई सुबह की रोशनी

vijay ने कहा…

चिर प्रतीक्षा चिर संघर्ष के बाद
मिलने वाली हर ख़ुशी
बेजोड़ व अनमोल है
क्योंकि इसकी सुखद अनुभूति
वही महसूस कर सकता है
जिसने हर हाल में रहकर
अपना सघर्ष जारी रखकर
कोशिश की सबको साथ लेकर
......सकारात्मक भाव से रची सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए आभार

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बहुत सुन्दर आशावादी रचना है ...
इंसान जबतक लढाई के मैदान मैं नहीं उतरेगा, जीतेगा कैसे ...

बेनामी ने कहा…

चिर प्रतीक्षा चिर संघर्ष के बाद
मिलने वाली हर ख़ुशी
बेजोड़ व अनमोल है
.....लम्बे संघर्ष की बाद मिलने वाली ख़ुशी का सच में कोई जवाब नहीं ...
...मन को छू गयी आपकी कविता ..
आपकी इस सुन्दर भावों से सजी कविता के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

समय चक्र ने कहा…

आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है

रचना के माध्यम से सटीक बात कहीं ..उम्दा प्रस्तुति...

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति। धन्यवाद

rashmi ravija ने कहा…

छोटी-छोटी लड़ाईयां जीतने के बाद ही
कोई बड़ी जंग जीतता है

बहुत ही गूढ़ बात कही है...एक सार्थक कविता

kshama ने कहा…

तभी तो कहा जाता है
आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है
छोटी-छोटी लड़ाईयां जीतने के बाद ही
कोई बड़ी जंग जीतता है

Bahut sahi kaha aapne! Kabhi,kabhi aisabhi hota hai,ki,himmat toot jatee hai!

केवल राम ने कहा…

अविरल भाव से लक्ष्य प्राप्ति हेतु
आशावान बने रहना
बहुत मुश्किल पर नामुमकिन नही
Kavita ji
puri ki puri kavita jindgi main aasha ka sanchaar karti hai
Sunder abhivyakti

सम्वेदना के स्वर ने कहा…

कविता जी, यह तो अद्भुत दर्शन है...एक प्रेरणा देती कविता!!

मनोज कुमार ने कहा…

प्रेरक, अशावादी दृष्टिकोण।

बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
योगदान!, सत्येन्द्र झा की लघुकथा, “मनोज” पर, पढिए!

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है।
छोटी-छोटी लड़ाइयां जीतने के बाद ही
कोई बड़ा जंग जीतता है।

आपने अपने विचारों को सुंदर शब्दों में पिरोकर कविता का रूप दिया है।

प्रेरक पंक्तियां...बधाई

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

......चिर प्रतीक्षा चिर संघर्ष के बाद
मिलने वाली हर ख़ुशी
बेजोड़ व अनमोल है........
सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए आभार.

संजय भास्‍कर ने कहा…

सकारात्मक भाव से रची सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए आभार

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

wahwa....kya baat hai............sadhuwad..

BrijmohanShrivastava ने कहा…

यह बात तो बिल्कुल सत्य है कि कर्म से ही आदमी को सफलता मिलती है ’’दैव दैव आलसी पुकारा ’’ यह भी बहुत अच्छा लिखा है कि सफलता के मुकाम पर पहुंचने वाले भाग्य के भरोसे बैठ कर नहीं रहे । डेलकारनेगी ने भी सफलता के तीन सूत्र तीन शव्दो में बतलाये हैं 1.हार्ड वर्क 2.हार्ड वर्क और 3 हार्ड वर्क । बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ।

बेनामी ने कहा…

संघर्ष

मैंने कहा था ना इस संघर्ष को lekar मैं भी आऊंगा मैं आ गया .. हाँ यह कविता बहुत पुरानी है....

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

jeevan ki sachhi aur vyvharik raah sujhati rachana........

Dr Xitija Singh ने कहा…

निराशा के महासागर में दुबकी लगा कर आशा रुपी मोती निकाल लेना ... ये ही सही मायने में जीवन है ...

बहुत खूबसूरत पोस्ट ... शुभकामनाएं

Shabad shabad ने कहा…

सटीक बात ..........
कर्म से ही मिलती है आदमी को सफलता !!!

mukti ने कहा…

आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है
छोटी-छोटी लड़ाईयां जीतने के बाद ही
कोई बड़ी जंग जीतता है
... बहुत अच्छी रचना है.

RAJWANT RAJ ने कहा…

bhut hi aashavadi drishtikon .dte rhiyega .aisi rchnao se urja milti hai .
thanks .

राजेश उत्‍साही ने कहा…

अभिव्‍यक्ति अच्‍छी लगी। सधी हुई।

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

बड़ी अच्छी और सच्ची बात आप ने अपनी इस रचना में कही है.
उन बातों से मैं पूरी तरह सहमत हूँ. कर्म ही सफलता की कुंजी है.
इस सार्थक प्रस्तुति के लिए आभार .....

Unknown ने कहा…

चढ़ने के उपरांत
चिर प्रतीक्षा चिर संघर्ष के बाद
मिलने वाली हर ख़ुशी
बेजोड़ व अनमोल है...
.......सधी हुई सार्थक अभिव्‍यक्ति आभार .....

शरद कोकास ने कहा…

आपकी कविता की धार बढ़ती जा रही है । यह अच्छी रचना है । कहीं कहीं कुछ पंक्तियाँ सपाट गद्य सी लगती हैं उन पर थोड़ा काम कीजिये ।

Asha Joglekar ने कहा…

संघर्ष के बाद सफलता की खुशी कुछ ज्यादा ही मीठी होती है ।

Arvind Mishra ने कहा…

नहीं सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः -अच्छी रचना !

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत सटीक रचना....बेहतरीन.

हास्यफुहार ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति।

Akanksha Yadav ने कहा…

आदमी अपने भाग्य से नहीं
अपने कर्म से महान होता है
छोटी-छोटी लड़ाईयां जीतने के बाद ही
कोई बड़ी जंग जीतता है

....बहुत कुछ कह जाती हैं. सुन्दर सन्देश भी ..बधाई.


__________________________
"शब्द-शिखर' पर जयंती पर दुर्गा भाभी का पुनीत स्मरण...

रचना दीक्षित ने कहा…

सटीक बात!!!
"हर शाम एक उम्मीद जगती है
हर रत एक सपना देखा जाता है
यूँ ही एक नउम्मीद साँझ रात के बाद
महफूज़ सी सुबह निकलती है "

Mankirat ने कहा…

Struggle is step towards success.
general knowledge
Very Nice Poem...