सद्भाव समभाव का प्रकाश फैलाएं, ऐसा मिलकर कोई दीप जलायें - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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बुधवार, 8 नवंबर 2023

सद्भाव समभाव का प्रकाश फैलाएं, ऐसा मिलकर कोई दीप जलायें




अँधियारा मिटाने आया दीपपर्व
आओ मिलकर पूजा थाल सजायें
फैले उजियारा हर घर आँगन
ऐसा मिलकर कोई दीप जलायें!

गाँव-शहर में फैले खुशहाली
दु:खिया के घर भी मने दीवाली
मुरझाये चेहरों पर खुशियाँ लायें
ऐसा मिलकर कोई दीप जलायें!

ऊँच-नीच की खाई पाटकर
जात पात का बंधन मिटाकर
सदभाव, समभाव प्रकाश फैलायें
ऐसा मिलकर कोई दीप जलायें!

न हो कोई अपने घर में बेघर
बड़े-बुजुर्गों से न रहे कोई बेखबर
रखे ख्याल कोई दिल न दु:खायें
ऐसा मिलकर कोई दीप जलायें!

कर अहंकार, प्रपंच, स्वार्थ दमन
फिर रामराज सा करें नव-सृजन
सर्वहित संकल्प दीपोत्सव मनायें
ऐसा मिलकर कोई दीप जलायें!

सबको दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
                        ..कविता रावत