यदि तेरे घर के आस-पास
होता घर मेरा
दिख जाती इक झलक तेरी
होता नित नया सवेरा
पक्षीगण भी चहक-चहक कर
गाते गीत अनुराग भरे
संग उनके मैं भी गुनगुनाती
खोकर प्यार में तेरे
सूरज की प्रथम किरणों सी
होंठों पर बिखरती तेरे मुस्कान
दिल में छुपा कितना प्यार
कराता मुझको इसका भान
देखकर प्यार में डूबा तुझको
नाच उठता मेरा मयूर मन
मैं भी डूबती प्यार में तेरे
मन बगिया में खिलते सुमन
जब बढ़ती बेचैनी दिल की
फिर लिखता हाले-दिल राज तेरा
तब गुजरकर मस्त पवन का झोंका
तुझ तक पहुँचाता संदेश मेरा
.............................. ....................
कभी प्यार में ऐसे ही जाने कितने तराने दिल से बाहर निकल कर जुबाँ पर होते थे। अब तो बच्चों में उलझे-सुलझे मन को कुछ सूझता नहीं, प्यार उनमें में कहीं लुप्तप्राय: सा हो गया है। आज घर भी है वो प्यार भी पास है। हमसफ़र के जन्मदिन पर उन प्यार भरे लम्हों की याद में यह तराना प्रस्तुत है।
.....कविता रावत
45 टिप्पणियां:
कोमल भावनाओं से ओत - प्रोत सुंदर रचना ..... आपको आपके हमसफर के जन्मदिन की बधाई
बहुत दिन बाद आपकी कोई प्यार भरी रचना देखने को मिली .. हमसफ़र के जन्मदिन पर उनके लिए प्यार में डूबा यह सुन्दर तराना बहुत सुन्दर उपहार है..... जन्मदिन की शुभकामनायें......
बहुत सुन्दर कविता जी ! घर गृहस्ती के साथ भी ऐसे कोमल भाव यदि मन के द्वार पर दस्तक दे तो यक़ीनन यह सौभाग्य की बात है -आपके हमसफर के जन्मदिन की बधाई.
New post बिल पास हो गया
New postअनुभूति : चाल,चलन,चरित्र
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
भाई साहब को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं....
आपको भी....
सादर
अनु
आपके ये बोल ही तो अनमोल उपहार है..
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..आपके हमसफ़र को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत सुंदर भावनाएं .....बहुत बधाई आपको जन्मदिन की ...
सुन्दर अनुभूति जीवनसाथी के जन्मदिन पर।
सुन्दर कविता........ आपको आपके हमसफर के जन्मदिन की बधाई......
बहुत कोमल ढंग सो भावनाओं को बहने दिया है।
जीवनसाथी के जन्मदिन पर बधाई** बहुत सुंदर भावनाएं, सुन्दर कविता
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
बहुत प्यारी रचना लिकी है आपने!
हमसफ़र के जनम दिन पे इससे बड़ा तोहफा ओर क्या हो सकता है ... ये प्रेम भरे तराने गूंजते रहें ...
गीत बजते रहें ... खुशियां आती रहे ....
सुन्दर रचना
बहुत ही सुंदर और भावनात्मक तोहफ़ा दिया है आपने, आप दोनों को ही हार्दिक शुभकामनाएं,
रामराम.
प्यार की भावनाएं लिए , सुन्दर रचना ,,,जीवन के हमसफर के जन्मदिन की बहुत२ बधाई.....
RECENT POST शहीदों की याद में,
बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति . हमसफर के जन्मदिन की बधाई... बेटी न जन्म ले यहाँ कहना ही पड़ गया . आप भी जाने मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ?
भावनाओं की कोमल अभिव्यति .................हमसफर के जन्मदिन की बधाई...
ओह, बहुत सुंदर रचना
क्या कहने
वाह!
आपकी यह प्रविष्टि कल दिनांक 04-02-2013 को चर्चामंच-1145 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
आपने तो शब्दों से पूरा बगीचा सजा दिया | बहुत मनमोहक कविता | सुगन्धित | बधाई |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
यह माधुर्य आप दोनों के जीवन को नित नये अनुराग से पूरित करे -बधाई दोनो को!
प्रभावी प्रस्तुति |
शुभकामनायें आदरेया ||
बढ़िया कोमल भाव की प्रेम की सात्विक आंच लिए कविता .
बहुत ही प्यारी रचना..
प्रेम के रस में सराबोर ..
अंकल जी को जन्मदिन की ढ़ेरों शुभकामनाएँ....
:-)
जीवनसाथी के जन्मदिन पर आप दोनों को हार्दिक बधाई फरमाइश के लिए बच्चों को आशीष
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..आपके हमसफ़र को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
प्यारी रचना ...
हर चीज़ का अपना अपना वक़्त होता है :)
सुंदर और प्यारी रचना...हमारी तरफ से भी उन्हें जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।।
प्यार की कोमल भावना का बहुत सुन्दर मधुर गीत उपहार!!!!!!!!
देखकर प्यार में डूबा तुझको
नाच उठता मेरा मयूर मन
मैं भी डूबती प्यार में तेरे
मन बगिया में खिलते सुमन
जब बढ़ती बेचैनी दिल की------sunder uphar badhai shubhkamnayen
इससे सुन्दर उपहार और क्या होगा..
वाह!!!बेह्तरीन अभिव्यक्ति....
मैंने मानव को पूजा है पाषाणों से प्यार नहीं है .......बहुत सुन्दर दाम्पत्य प्रेम में समर्पण और मुग्धा भाव की रचना .
यदि तेरे घर के आस-पास
होता घर मेरा
दिख जाती इक झलक तेरी
होता नित नया सवेरा
पक्षीगण भी चहक-चहक कर
गाते गीत अनुराग भरे
संग उनके मैं भी गुनगुनाती
खोकर प्यार में तेरे
सूरज की प्रथम किरणों सी
होंठों पर बिखरती तेरे मुस्कान
दिल में छुपा कितना प्यार
प्रेम दिवस मुबारक .
बहुत सुंदर और गहरे भाव
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....
एक प्यारी रचना ...
कविता जी पहली बात तो यह कि सुस्वागत नहीँ सिर्फ स्वागत होता है। इसी मैँ सु भी समाहित है।
अच्छी रचनाएँ हैँ।
http://yuvaam.blogspot.com/p/blog-page_9024.html?m=0
शानदार!!!
जानदार!!!
क्या खूब कहा आपने वहा वहा क्या शब्द दिए है आपकी उम्दा प्रस्तुती
मेरी नई रचना
प्रेमविरह
एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
बहुत बढ़िया रचना पढ़ वाई है आपने .बहुत खूब .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
ateet ki bhanti sunder lekhan...badhayee ''kavita'' ko.
sundar abhivyakti :-)
मेरा लिखा एवं गाया हुआ पहला भजन ..आपकी प्रतिक्रिया चाहती हूँ ब्लॉग पर आपका स्वागत है
Os ki boond: गिरधर से पयोधर...
एक टिप्पणी भेजें