रविवार, 7 अप्रैल 2013
मेरी बहिना जाएगी स्कूल!
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About कविता रावत
स्कूल चले हम
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।
53 टिप्पणियां:
सार्थक और सहाज भाव। कविता जी हो सकाता है आपने अपने बचपन को भी कविता लिखते महसूस किया हो। घर के बच्चों का हठ और मांगे देख हम मन ही मन हंसने लगते हैं। मैं कहूं कि मेरी बहना स्कूल जाएं और पढ-लिख आसमान को छुएं। मेरा संदेश उस तक पहुंचाने का कष्ट करें।
drvtshinde.blogspot.com
:-)
बचपन की मिठास लिए प्यारी रचना...
अनु
छोटे बच्चों की पहले पहल स्कूल जाने की उत्सुकता का सुन्दर मासूम सजीव चित्रण पढ़कर लगा जैसे यह मेरे बच्चे हों और मुझसे बतिया रहें हों...
बहुत बेहतरीन प्रेरक सुंदर बाल रचना !!!
RECENT POST: जुल्म
बहुत ही बेहतरीन प्रेरक रचना,आभार.
सुंदर बाल गीत.
मनमोहक।।।।।
मनमोहक।।।।।
मनमोहक।।।।।
अच्छी।
अभी तो जिद्द कर रहा है ... बहना जब तंग करेगी तो कहेगा ... नहीं नहीं इसे दूसरे स्कूल भेजो ... हा हा ...
सुन्दर बाल रचना है ..
बहुत ही मासूम सी रचना...तस्वीर तो और भी प्यारी
वहुत बढ़िया, यह ललक अन्त तक बनाए रहिए!
वाह इतना बढ़िया
प्रिय रंजन भोखरी करगहर रोहतास
मीठी सी ...लोरी सीसुन्दर रचना
सुंदर रचना
बधाई
http://jyoti-khare.blogspot.in/-------में
सम्मलित हों "समर्थक"बनें
आभार
सुंदर गीत |
कविता : इतना सहज कैसे लिख लेती है आप... !!!
मैं इसे फेसबुक के 'काव्यालय ' फोरम में शेर कर रहा हूँ...
अजीब बात है - इसे पढ़ कर आँखें नम हो जाती है...
भाई-बहन का जोड़ा जैसे एक डाल पर खिले दो फूल -सहज,सुन्दर ,अनुरूप!
मासूम सी रचना....!!!
मासूम सी रचना....!!
बहुत प्यारी , मासूम सी रचना.
मीठी सी प्यारी सी रचना
बचपन भी कितना प्यारा होता है ....जितना सोचो उतना और प्यार आता है ...बचपन सी प्यारी रचना
आपके नाम के अनुकूल मासूमियत से रची-बसी सुन्दर प्यारी बाल रचना ......लाजवाब !!
वाह जी वाह! कविता जी ! जितने सुन्दर मासूम बच्चे उतनी ही सहज प्यारी रचना आप के अलावा और भला आजकल कौन लिखता है!!!!!! भाई-बहन के प्यार से बढ़कर कुछ नहीं है संसार में ...
bhai bahan ke pyar ko darshaati sunder rachna
mithe pal......
sundar bachpan
रात को जल्दी सुलाकर इसे
सुबह जगाना न जाना भूल।
मेरे संग उछलकूद करती
मेरी बहिना जाएगी स्कूल।
आपने बचपन को लौटा दिया
masti bhari pyari rachna.............. bhai- bahan ko tasveer me dekhna aur use kavita k roop me padhna, achchha laga!
सुंदर रचना ...
बधाई ...
वाह, बहुत बढ़िया
मीठी सी प्यारी रचना
कविता जी आपकी कविता और आपके विषय में पढकर अच्छा लगा । आप शिक्षा विभाग में हैं तब तो और भी सुलभ और स्वाभाविक है बच्चों के लिये लिखना । आपके हौसले का अभिनन्दन ।
एक बात कहना चाहती हूँ कि शब्द भले ही अंग्रेजी के हों लेकिन जब हम उन्हें हिन्दी के साथ प्रयोग में ला रहे हैं तब उनकी वर्तनी देवनागरी ही होनी चाहिये । आपने 'विहान' देखा । उम्मीद है देखती रहेंगी
बहुत सुन्दर कविता...बहुत भावुक |
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
:) Sundar, cute si kavita hai ..
ओह, बहुत सुंदर
क्या बात
पढ़ लिख कर ही आयेगी।
रात को जल्दी सुलाकर इसे
सुबह जगाना न जाना भूल।
मेरे संग उछलकूद करती
मेरी बहिना जाएगी स्कूल।
सुंदर रचना
nice one
वाह, जैसा सुंदर चित्र, वैसी ही सुंदर बाल-कविता...बधाई इस सुंदर रचना के लिए
बहुत प्यारा बाल गीत.
सुंदर चित्र से सजी सराहनीय कृति..
bahut hi saral shbdon mein itni sundar rachna"meri behna jyegi school"
बहुत सुन्दर रचना
बच्चों की एक प्यारी नोंक झोंक सी कविता!!
---- भावपूर्ण बाल कविता तो है ही....
मम्मी देखो! पापा देखो!
बहिना मेरी रट लगाती है।
'मैं भी स्कूल चलूँगी भैय्या'
खींचकर बस्ता कहती है।।
----- और कोई तो कुछ कहेगा नहीं सब घिसी-पिटी ही कहते हैं.....
---- रट लगाती है व कहती है ... एक ही भाव हैं अतः पुनुरुक्ति दोष है ...
---- लगाती है व कहती है में तुक भंग भी है ..
Nice poem.
vinnie,
वहुत बढ़िया,
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