समझदार धन-दौलत से पहले जबान पर पहरा लगाते हैं - Kavita Rawat Blog, Kahani, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 11 दिसंबर 2014

समझदार धन-दौलत से पहले जबान पर पहरा लगाते हैं

बैल  को  सींग और आदमी  को उसकी  जबान से  पकड़ा  जाता  है।
अक्सर रात को दिया वचन सुबह तक मक्खन सा पिघल जाता है।।

तूफान  के  समय की शपथें उसके थमने पर भुला दी जाती हैं।
वचन देकर नहीं मित्रता निभाने से कायम रखी जा सकती हैं।।

एक रुपये वचन की कीमत आधे रुपये के बराबर भी नहीं होती है।
वचन    और    पंख   को    अक्सर    हवा    उड़ा   ले   जाती   है।।

एक छोटा-सा उपहार बहुत बड़े वचन से बढ़कर होता है।
वचन    के  देश   में   मनुष्य   भूखा   मर   सकता   है।।

अंडे और कसमें तोड़ने में कोई देर नहीं लगती है।
तंगदिल इंसान की जबान बहुत लम्बी रहती है।।

दो बातूनी साथ-साथ बहुत दूर तक यात्रा नहीं कर पाते हैं।
समझदार धन-दौलन से पहले जबान पर पहरा लगाते हैं।।

   ....कविता रावत

20 टिप्‍पणियां:

  1. दो बातूनी साथ-साथ बहुत दूर तक यात्रा नहीं कर पाते हैं।
    समझदार धन-दौलन से पहले जबान पर पहरा लगाते हैं।।
    .....
    सत्य वचन .....

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    उत्तर
    1. धन दौलत तेरी माल खजाने यही पड़ी रह जाएंगे

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  2. अंडे और कसमें तोड़ने में कोई देर नहीं लगती है।
    तंगदिल इंसान की जबान बहुत लम्बी रहती है।।...
    हकीकत भरे चाँद हैं सभी ... हर बार मुंह से निकल गया ... "ये तू बिलकुल सच है "......

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  3. बैल को सींग और आदमी को उसकी जबान से पकड़ा जाता है।
    अक्सर रात को दिया वचन सुबह तक मक्खन सा पिघल जाता है।।
    ...................... सटीक कहा गया है

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  4. बेहतरीन

    उम्द्दा
    यूँ हुआ है कुछ मौसम का असर देखिए
    खिलखिलाता है हर सूखा हुआ शज़र देखिए

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  5. एक रुपये वचन की कीमत आधे रुपये के बराबर भी नहीं होती है।
    वचन और पंख को अक्सर हवा उड़ा ले जाती है।।

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  6. लाजवाब लोकोक्ति ...........

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  7. बुझे तो अनमोल वचन...

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  8. अनुपम रचना ...

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    आंखों आना का औषधियों से उपचार

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  10. काव्य में सुन्दर विचारणीय विचार!

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  11. यथार्थ भाव लिए पंक्तियाँ

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  12. अंडे और कसमें तोड़ने में कोई देर नहीं लगती है।
    तंगदिल इंसान की जबान बहुत लम्बी रहती है।।
    बहुत ख़ूब...सुंदर और सटीक

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  13. Ab hum koshish karenge samajhdaar bane rehne ki.. :)

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