Myaru Bhulla Daru Ni Pei || मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई|| New Garhwali Song 2023 || Give up Alcohol || - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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मंगलवार, 1 अगस्त 2023

Myaru Bhulla Daru Ni Pei || मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई|| New Garhwali Song 2023 || Give up Alcohol ||


भले काचू पाकू रूखु सूखू खैई
भले जनि तनि करि घर तू चलैई
भले कैका गोरू बकरा चरैई
मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई

यु दारू त घर मा झगड़ा करांद
फेफड़ा सुखांद जिकुड़ी जलांद
बुरी लत येकी कभी नि लगैई
भले काचू पाकू रूखु सूखू खैई
भले जनि तनि करि घर तू चलैई
भले कैका गोरू बकरा चरैई
मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई

यू कच्चि पक्कि दारू गुमठियों कु चखना
नीयत नि बिगडि बचीकि तू रहना
दारू की लत बडि बुरि हूंद
रोग लगन्द घरबार फुकंद
दरोल्यों की संगत म कभी नि रैई
भले काचू पाकू रूखु सूखू खैई
भले जनि तनि करि घर तू चलैई
भले कैका गोरू बकरा चरैई
मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई

यु दारू ठेकदारों कु धंधा च भुल्ला
पैसा कमाण की मशीन च भुल्ला
कभी भूलि की भी ठेका नि जैई
न दारू लेई-पेई न कैथे पिलई
भले काचू पाकू रूखु सूखू खैई
भले जनि तनि करि घर तू चलैई
भले कैका गोरू बकरा चरैई
मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई

@कविता रावत



हिंदी अनुवाद :   मेरे भाई दारु नहीं पीना


भले कच्चा-पक्का, रुखा-सूखा खा लेना
भले जैसे तैसे करके घर तू चलना
भले किसी के गाय-बकरी चराना
मगर मेरे भाई दारु नहीं पीना

ये दारु घर में झगड़ा कराता 
फेफड़ा सुखाता जिगर जलाता 
बुरी लत इसकी कभी नहीं लगाना
भले कच्चा-पक्का, रुखा-सूखा खा लेना
भले जैसे तैसे करके घर तू चलना
भले किसी के गाय-बकरी चराना
मगर मेरे भाई दारु नहीं पीना

ये कच्ची-पक्की दारू गुमठियों का चखना
नीयत नहीं बिगाड़ना बचकर तू रहना
दारू की लत बहुत बुरी होती है
रोग लगता है घरबार फूंकता है
दारूखोरो की संगत में कभी नहीं रहना
भले कच्चा-पक्का, रुखा-सूखा खा लेना
भले जैसे तैसे करके घर तू चलना
भले किसी के गाय-बकरी चराना
मगर मेरे भाई दारु नहीं पीना

ये दारू ठेकदारों का धंधा है भाई
पैसा कमाने की मशीन है भाई
कभी भूल कर भी ठेका नहीं जाना
न दारू लाना-पीना न किसी को पिलाना
भले कच्चा-पक्का, रुखा-सूखा खा लेना
भले जैसे तैसे करके घर तू चलना
भले किसी के गाय-बकरी चराना
मगर मेरे भाई दारु नहीं पीना

@कविता रावत