
दाम करे सब काम
पैसा मिलता घोड़ी चलती
पार लगावे नैया
बाप बड़ा न भैया

मेला लगता उदास
जब पैसा न होता पास
ठन-ठन गोपाल का
कौन करता विश्वास!
वह भला मानस कैसा!
जिसकी जेब में न हो पैसा
कौन बैठता उसके पास
मुखड़ा जिसका दिखता उदास
बिन कर, पग, पर उड़ता-फिरता
अजब- गजब रंग दिखाता है पैसा
कब किस को, कितना उठावे-गिरावे
बिन बोल, सर्वत्र बोल रहा है पैसा!
Kavita Rawat
sabse badaa rupaiyaa
ReplyDeleteबहुत अच्छे।
ReplyDeleteमानने वाली बात है।
जो सच है, सो है। अब आज की हक़ीक़त तो यही है।
ReplyDeletebilkul kharee baat . kya aap Bhagvat Rawat se parichit hai ? yoo hee pooch liya agar janatee hai to bataiyega jaroor .
ReplyDeleteदाम करे सब काम
ReplyDeleteपैसा मिलता घोड़ी चलती
पार लगावे नैया
बाप बड़ा न भैया
सबको प्यारा है रुपैया!
बहुत खूब ....!!
jeewan kee hakikat ko kish tarh shbdo me dhala hai...
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