दाम करे सब काम
पैसा मिलता घोड़ी चलती
पार लगावे नैया
बाप बड़ा न भैया
सबको प्यारा है रुपैया!
मेला लगता उदास
जब पैसा न होता पास
ठन-ठन गोपाल का
कौन करता विश्वास!
वह भला मानस कैसा!
जिसकी जेब में न हो पैसा
कौन बैठता उसके पास
मुखड़ा जिसका दिखता उदास
बिन कर, पग, पर उड़ता-फिरता
अजब- गजब रंग दिखाता है पैसा
कब किस को, कितना उठावे-गिरावे
बिन बोल, सर्वत्र बोल रहा है पैसा!
Kavita Rawat
6 टिप्पणियां:
sabse badaa rupaiyaa
बहुत अच्छे।
मानने वाली बात है।
जो सच है, सो है। अब आज की हक़ीक़त तो यही है।
bilkul kharee baat . kya aap Bhagvat Rawat se parichit hai ? yoo hee pooch liya agar janatee hai to bataiyega jaroor .
दाम करे सब काम
पैसा मिलता घोड़ी चलती
पार लगावे नैया
बाप बड़ा न भैया
सबको प्यारा है रुपैया!
बहुत खूब ....!!
jeewan kee hakikat ko kish tarh shbdo me dhala hai...
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