बांध कलाई में राखी बहिना अपना प्यार जताती है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 4 अगस्त 2017

बांध कलाई में राखी बहिना अपना प्यार जताती है

बहिन विवाहित होकर अपना
अलग घर-संसार बसाती है।
पति-बच्चे, पारिवारिक दायित्व
दुनियादारी में उलझ जाती है।।
सतत स्नेह, प्रेम व प्यार की
निर्बाध आकांक्षा मन में वह रखती है।
पर विवशताएं चाहते हुए भी
उसके अंतर्मन को कुण्ठित करती है।।
रक्षाबंधन-भैया दूज पर बहिन-भैया
मिलन के दो पावन प्रसंग आते हैं।
बहिन के लिए जो अद्भुत, अमूल्य,
अनंत प्यार को सन्देश लाते हैं।।
रक्षा पर्व पर बीते दिनों की आप बीती
बताने का सुगम सुयोग बनता है।
जहाँ बहिन-भैया को एक-दूजे का
सुख-दुःख बांटने का अवसर मिलता है।।
महीनों पहले से बहिन इस
पावन पर्व की प्रतीक्षा करती है।
बांध कलाई में राखी बहिना
अपना प्यार जताती है।।

10 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

बहुत सुंदर, भाई बहन के पवित्र प्रेम की खुशबू से महकती आपकी रचना।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

माँ के बाद सबसे अहम और पवित्र रिश्ता

Unknown ने कहा…

भाई-बहिन की एक डोर प्यार की जो ताउम्र बाँधी रखती है एक दूसरे को
बहुत बहुत सुन्दर

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत सुन्दर..
अपने दुख सुख बताने कासुअवसर है यह दिन
लाजवाब....

Jyoti Dehliwal ने कहा…

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का अटूट बंधन का हैं ये दिन। बहुत सुंदर प्रस्तूती।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

शादी के बाद ये अवसर भी अक्सर कहाँ मिल पाता है .
लेकिन फिर भी भाई बहिन का जीवन पर्यन्त स्नेह का नाता है

HARSHVARDHAN ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन जन्म दिवस : किशोर कुमार और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

kuldeep thakur ने कहा…

दिनांक 06/08/2017 को...
आप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
आप की प्रतीक्षा रहेगी...

RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI' ने कहा…

आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/08/29.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

New Mexico Curtains ने कहा…

Great blog I enjoyed readiing