ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 1 जनवरी 2022

ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन


मरुस्थली अन्तःस्थल में भरें संवेदना

सहयोग, त्याग, उदारता से भरे मन

परस्पर विरोध-विग्रह दूर हों सभी के

कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन


बीज सा गलकर फिर बने वृक्ष

धरकर परमार्थव्रत करें नवसर्जन

समभाव दिखे सबको दुःख-सुख

कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन


सभी ब्लॉगर्स और पाठकों को नवोदित वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें