परीक्षा परिणाम और अंकों का गणित - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 23 जुलाई 2022

परीक्षा परिणाम और अंकों का गणित

आखिरकार कल दोपहर 2 बजे लम्बे अंतराल के बाद सीबीएसई द्वारा 12वीं और 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इसके साथ ही एक माह से भी अधिक समय बीतने पर लाखों छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावक और अध्यापकों की भी इंतजार की घड़ियाँ समाप्त हुई। कल पूर्वाह्न में 12वीं के परीक्षा परिणाम के बाद जब दोपहर 2 बजे 10वीं का परीक्षा परिणाम घोषित होने की सूचना मिली, बड़े उत्साह के साथ मैं कम्प्यूटर पर सीबीएसई की वेबसाइट खोलकर बच्चे का परीक्षा परिणाम देखने के लिए उसका एडमिट कार्ड लेकर बैठ गई। लेकिन जैसे ही दो बजे कि लाइट गुल क्या हुई कि सारा उत्साह जाता रहा, मन खिन्न हो गया। मोबाइल पर देखना चाहा लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण रिजल्ट वाली साइट खुल ही नहीं पाई। 10-15 मिनट हैरान-परेशान थी कि व्हाट्सएप्प बेटे ने रिजल्ट निकालकर भेज दिया था। मैं सोचती रही कि वह तो कोचिंग में पढ़ रहा है इसलिए शायद उसे पता न हो लेकिन मेरा अनुमान तब गलत निकला जब उसने फ़ोन पर बताया कि यहाँ कोचिंग में सभी बच्चों को पहले से ही पता था, इसलिए जैसे ही रिजल्ट आया सबने अपने-अपने मोबाइल से रिजल्ट निकाल लिया। मुझे अहसास हुआ कि हमसे अधिक तो उन्हें रिजल्ट की चिंता थी।  खैर उसे 95% अंक मिले, जो उसने केवल स्कूल में हुई पढ़ाई के आधार पर अर्जित किये थी। इसलिए बड़ी ख़ुशी हुई। जब उसने बताया कि स्कूल से मैसेज आया है कि जिन बच्चों के 90%  से अधिक अंक आये हैं उन्हें 1 घंटे में स्कूल आना है तो मुझे भी उसके साथ चलने की बड़ी उत्सुकता जागी। अभी दो हफ्ते पहले ही हमने उसके लिए आईआईटी एडवांस की तैयारी के लिए एमपी नगर में कोचिंग लगाईं हैं।  सौभाग्य से कल उस समय बारिश नहीं हुई, इसलिए मैं खुद ही उसे लेने एमपी नगर कोचिंग सेंटर लेने पहुँची और 3.30 बजे हम उनके स्कूल पहुंचे। 

एमपी नगर से हम  उसके स्कूल पहुंचे।  जहाँ पहले से ही तीन-चार चैनल वाले और समाचार पत्रों के कुछ पत्रकार बच्चों से सवाल-जवाब कर रहे थे।  बीच-बीच में वे उनकी फोटो और उनसे उनकी तैयारी और आगे क्या करेंगे, के विषय में पूछते जा रहे थे।  मैंने देखा कि उसके स्कूल सेंट जोसफ को-एड की एक छात्रा मानसी पिल्लई जिसके 99.41 प्रतिशत अंक आये थे उससे मीडिया वाले सबसे पहले और सबसे ज्यादा सवाल-जवाब पूछ रहे थे, क्योँकि उसने स्कूल  में टॉप जो किया था। उसके बाद जिनके 97-98 प्रतिशत तक अंक आये थे उनसे उनकी परीक्षा की तैयारी और अंकों के बारे में और आगे कौन से विषय लेंगे, आदि सवाल कर रहे थे।  इस दौरान उत्साही छात्र-छात्राएं बीच में उचक-उचक कर अपनी ख़ुशी का इज़हार कर धमाल कर रहे थे।  मैंने देखा बच्चों की बातें भी उनकी तरह ही बड़ी निराली होती हैं, ऐसे ही एक बच्चे से जब एक चैनल वाले ने पूछा कि उसके कितने प्रतिशत अंक आये हैं तो वह उछलते हुए बोला कि उसे तो 95% तक की उम्मीद थी लेकिन उसके 97% अंक आ गए, जिसे सुनकर सभी बच्चे, अभिभावक और चैनल वालों की हँसी फूट पड़ी।  बच्चे तो ख़ुशी से इतने जोर-जोर से हो-हल्ला मचा रहे थे कि उन्हें देखकर हँसते-हॅसते हमारे पेट दुखने लगे।

मेरे बेटे को 95% अंक मिले हैं। उसे विज्ञान में 100, इंग्लिश और संस्कृत में 99-99 और सोशल साइंस में 92 अंक मिले, लेकिन गणित में 85 अंक ही मिले तो लगा अंकों का गणित भले ही थोड़ा गड़बड़ाया है, लेकिन यह उसकी मेहनत का परिणाम है। जब रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को इसकी सूचना मिली तो सभी ने बधाई दी कि हमारे खानदान में इतने अंक अभी तक किसी के नहीं आये हैं, इसलिए सबको बड़ी ख़ुशी है। मैंने भी सोचने लगी कि हमारे जमाने में तो 95% छोड़ो 60% अंक एक जादुई आंकड़ा होता था, जिसे छूने वाले हज़ारों में से कोई एक ही निकलता था और जब 10-12 गांव में अगर किसी बच्चे ने 60% लाकर फर्स्ट डिवीज़न पा लिया तो उसके घर वाले दूर-दूर गांव तक लड्डू बाँट आते थे।

कल का दिन तो रिजल्ट की ख़ुशी में बीत गया। पहले कोचिंग और फिर स्कूल की मौज-मस्ती में शाम हो गई इसलिए कोई विशेष खाना-खजाना  भी नहीं हुआ। परीक्षा समाप्त होने पर उसने पहले ही कह दिया था कि उसके 95% से अधिक अंक मिलेगें इसलिए उसे उपहार एक अच्छा सा मोबाइल चाहिए, जो हमने उसे उसी समय दे दिया था। आखिर ऐसे मौके बार-बार तो आते नहीं हैं, इसलिए आज शाम को कुछ खाना-पकाना होगा और मिलकर खुशियाँ मनाई जायेगी। 

...कविता रावत