हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ

जब भी तुम्हारा ख्याल आता है
दिल में मीठा सा दर्द उठता है
और तुम उतरने लगते हो दिल में
गहरे, अति गहरे रंग के तरह
जो जमकर उतरता नहीं
तुम वही रंग मुझे लगते हो
जो मुझमें समाये दिखते हो
जब भी दिल की धड़कन बढ़ती हैं
लगता है जैसे महसूस कर तुम्हें करीब
वे डूबकर प्यारभरी बातें करती हैं
तुम्हारा दिल भी तो धड़कता होगा
बन धड़कन प्यार की करीब आता होगा
फिर प्यारभरी बस्ती में दौड़-घूमकर
कोई खूबसूरत तराना सुनाता होगा
'यूँ ही प्यार में डूबा रहूँ' कहता होगा
तुमको सोच-सोच बुनती हूँ प्रेमरंग-तरंग
नवगीत बन होठों पर सजती रहूँ
बस आरजू है रमकर प्रेमधुन में
हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ

      .....कविता रावत

44 टिप्‍पणियां:

Dev ने कहा…

लाजवाब रचना .....प्रेम रस में डूबी ये ....सुन्दर रचना

ZEAL ने कहा…

Beautiful creation !

Badhai.

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत मार्मिक कविता।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

सच भी है....प्यार की दास्ताँ तुम सुनो तो कहें

रचना दीक्षित ने कहा…

जब भी तुम्हारा ख्याल आता है
दिल में मीठा सा दर्द उठता है
और तुम उतरने लगते हो दिल में
गहरे, अति गहरे रंग के तरह

क्या खूब प्रेमाभिव्यक्ति है

Shekhar Kumawat ने कहा…

तुमको सोच-सोच बुनती हूँ प्रेमरंग-तरंग
नवगीत बन होठों पर सजती रहूँ
बस आरजू है रमकर प्रेमधुन में
हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ


wow !!!!!!!!!


bahut khub

shkhar kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

Shekhar Kumawat ने कहा…

wow !!!!!!!!!


bahut khub

shkhar kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

लाजवाब रचना ....सुन्दर रचना........
bahut sunder.......

दिलीप ने कहा…

bahut sundar Kavita ji...
shringaar ka achcha sanyojan...

http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

arvind ने कहा…

नवगीत बन होठों पर सजती रहूँ
बस आरजू है रमकर प्रेमधुन में
हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ
........लाजवाब ,मार्मिक रचना

Apanatva ने कहा…

bhavnao ka ye rang pyara laga...............
sada khush raho aur sabko rakho .

कडुवासच ने कहा…

...अतिसुन्दर, प्रसंशनीय !!

बेनामी ने कहा…

बहुत सुंदर.

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 ने कहा…

धनयवाद.आप बलाग पर आई.कहा थी आज तक....सुदर रचना..

mukti ने कहा…

प्रेम रस में रची रचना...

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

लाजवाब ....बहुत अच्छी लगी यह कविता....

Rohit Singh ने कहा…

जब भी तुम्हारा ख्याल आता है
दिल में मीठा सा दर्द उठता है

कविता जी यही तो दर्द है....जो कभी ज्यादा चोट दे जाती है .पर चुपके चुपके...

रविंद्र "रवी" ने कहा…

लाजवाब, मार्मिक और अमूल्य कवीता.
"नवगीत बन होठों पर सजती रहूँ
बस आरजू है रमकर प्रेमधुन में
हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ"
बहुत सुंदर शब्द रचना

अरुणेश मिश्र ने कहा…

भावनाओँ पर मीरा का प्रभाव । उत्कट समर्पण ।

राइना ने कहा…

Bahut achchi kavita......
Badhiya likha hai aap ne.

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

प्यारी कविता

M VERMA ने कहा…

वे डूबकर प्यारभरी बातें करती हैं
तुम्हारा दिल भी तो धड़कता होगा
दिल जब धडकता है तो चुप कहाँ रहता है
बेहतरीन रचना

दिगम्बर नासवा ने कहा…

प्रेम की भावनात्मक अभिव्यक्ति .... किसी की प्रेम-धुन बन जाना .... स्वयं किसी को महसूस करना ... बहुत ही लाजवाब रचना ...

nilesh mathur ने कहा…

बहुत अच्छा लगा पढ़कर

BrijmohanShrivastava ने कहा…

जब-जब मचता घमासान अंतर्मन में तब-तब साकार हो उठती है कविता -अबकी बात अंतर्मन में उनका ख्याल आया ,गहरा रंग समाया , फिर आया उनके दिल के धड़कने का ख्याल और प्रेम धुन की कविता हुई तैयार तत्काल

सुशील छौक्कर ने कहा…

बहुत बेहतरीन रचना।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

सुन्दर प्रेमगीत. पढ कर पता नहीं क्यों "पुष्प की अभिलाषा" याद आ गई जबकि इन दोनों एं कोई साम्य नहीं, सिवाय अभिलाषी होने के. बधाई.

ज्योति सिंह ने कहा…

जब भी तुम्हारा ख्याल आता है
दिल में मीठा सा दर्द उठता है
और तुम उतरने लगते हो दिल में
गहरे, अति गहरे रंग के तरह
achchhi rachna gahre prem ko vyakt karti hui .

बेनामी ने कहा…

Loving self is a step towards loving others.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

तुम्हारा दिल भी तो धड़कता होगा
बन धड़कन प्यार की करीब आता होगा
फिर प्यारभरी बस्ती में दौड़-घूमकर
कोई खूबसूरत तराना सुनाता होगा
'यूँ ही प्यार में डूबा रहूँ' कहता होगा
तुमको सोच-सोच बुनती हूँ प्रेमरंग-तरंग
नवगीत बन होठों पर सजती रहूँ
बस आरजू है रमकर प्रेमधुन में
हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ

प्रेम रस में डूबी अंतर्मन की गहराइयों से लिखी कविता ......!!

बहुत सुंदर.....!!

Udan Tashtari ने कहा…

प्रेम की सुन्दर और भावनात्मक अभिव्यक्ति!! बधाई.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

आपकी कविता मुझे भी पसंद आई.
______________
'पाखी की दुनिया' में इस बार माउन्ट हैरियट की सैर करना न भूलें !!

शरद कोकास ने कहा…

अच्छा प्रेम गीत है ..लेकिन अभी नया कहने के लिये भी बहुत कुछ है ।

kshama ने कहा…

तुमको सोच-सोच बुनती हूँ प्रेमरंग-तरंग
नवगीत बन होठों पर सजती रहूँ
बस आरजू है रमकर प्रेमधुन में
हरपल तेरी चाहत बनी रहूँ
Kitne nazakat bhare ehsaas hain!

Anand Mehra ने कहा…

bahut sundar rachna. jab bhi mauka mile hamare blog par bhi aaiyega http://1minuteplease.blogspot.com

Urmi ने कहा…

बहुत ही सुन्दर, शानदार और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

Harshvardhan ने कहा…

kavita ji aapke blog par pahli baar aana hua hai. rachna achchi lagi.....kya aap uttarakhand se hai.....

संजय भास्‍कर ने कहा…

और तुम उतरने लगते हो दिल में
गहरे, अति गहरे रंग के तरह

क्या खूब प्रेमाभिव्यक्ति है

संजय भास्‍कर ने कहा…

Maaf kijiyga kai dino busy hone ke kaaran blog par nahi aa skaa

अभिषेक त्रिपाठी ने कहा…

बहुत ही उत्तम रचना है

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कल 17/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

हलचल के माध्यम से इस पुरानी रचना तक पहुँची............

बहुत सुंदर ...

अनु

Saras ने कहा…

तुमको सोच-सोच बुनती हूँ प्रेमरंग-तरंग
नवगीत बन होठों पर सजती रहूँ ....
बहुत सुन्दर कोमल भाव ...!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुंदर भाव