नवरात्र-दशहरे के रंग बच्चों के संग - Kavita Rawat Blog, Kahani, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

नवरात्र-दशहरे के रंग बच्चों के संग






9 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर बहुत सुन्दर
    माता रानी की जय!

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  2. जय माता रा नी की...
    जय श्री राम....

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (21-10-2015) को "आगमन और प्रस्थान की परम्परा" (चर्चा अंक-2136) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. माँ की शक्ति और भक्ति का उत्सव दुर्गोत्सव की धूम पर बच्चें क्या बड़े भी समय निकाल ही लेते हैं ...इन दिनों धूम मची है शहर में .......बहुत अच्छा लगा पढ़के

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  5. सुन्दर पोस्ट , बच्चे तो हर पर्व की रौनक होते हैं ।

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  6. बच्चों के बिना त्योहारों के कोई रंग नहीं होते हैं .........!

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  7. सच कहा। बच्‍चों के बिना तो त्‍यौहार फीके ही लगते हैं।

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  8. कविता जी मैं जानना चाहता हुं कि आपके साहित्य पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारो के लिए क्या राय है।

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