स्वतंत्रता खोने वाले के पास कुछ नहीं बचता है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 13 अगस्त 2016

स्वतंत्रता खोने वाले के पास कुछ नहीं बचता है

जो अपना स्वामी स्वयं नहीं,
उसे  स्वतंत्र नहीं कहा जा सकता है ।
जिसे अत्यधिक स्वतंत्रता मिल जाय,
वह सबकुछ चौपट करने लगता है 

फरिश्तों की गुलामी करने से,
शैतानों पर हुकूमत करना भला 
पिंजरे में बंद शेर की तरह जीने से,
आवारा पशु की तरह रहना  भला 

दासता की हालत में कोई नियम लागू नहीं होता है 
स्वतंत्रता खोने वाले के पास कुछ नहीं बचता है

दूसरों की गुलामी के निवाले से हृष्ट-पुष्ट हो जाने से,
स्वतंत्रता के साथ दुर्बल बने रहना भला 
झूठ-फरेब, भ्रष्टाचार, दुराचार-अनाचार भरी शान से
गरीब रहकर घर की रुखी-सूखी खाकर जीना भला 

                      .........कविता रावत