शाम ढले तेरी याद का आना - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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रविवार, 14 फ़रवरी 2010

शाम ढले तेरी याद का आना

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जिंदगी में प्यार खुशनसीब वालों को ही नसीब होता है,
जो ज्यादा रुलाता है, वही दिल से सबसे करीब होता है.
जहाँ प्यार मिले वही जगह सुहानी है,
जहाँ प्यार बसता है, वहीँ जिंदगानी है.

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वेलेंटाइन डे के अवसर पर आज से लगभग १०-१२ वर्ष पूर्व लिखी अपनी  एक प्यारभरी प्रस्तुति प्रस्तुत कर रही हूँ. प्यार के बारे में सिर्फ इतना ही कहूँगी कि जिसे भी जिंदगी में सच्चा प्यार मिल जाता है, उसकी जिंदगी आसान हो जाती है.  प्रस्तुत है...............



शाम ढले तेरी याद का आना
आकर फिर दूर न जाना.

अक्सर याद आती है तेरी प्यारभरी बातें
वे छुपते-छुपाते प्यारभरी मुलाकातें
जब प्यार में एक-दूजे में खो जाते
खोकर प्यार भरी दुनिया की सैर करते
अच्छा लगता है प्यार में डूब जाना
डूबकर तेरे करीब आना
शाम ढले तेरी याद का आना
आकर फिर दूर न जाना

पागल मन का डूबकर प्यार में
न जाने क्या-क्या सपने देख लेना
तेरा कुछ भी न कहकर प्यार में
कभी आँखों से ही बहुत कुछ कह देना
अच्छा लगता प्रेमभरी मूक भाषा को
प्यार-भरे दिल का पढ़ लेना
शाम ढले तेरी याद का आना
आकर फिर दूर न जाना

दिल करता है मैं हरपल ही
तेरे करीब रह तुझे ही देखा करूँ
भूलकर दुनिया के हर बंधन
यूँ ही खोकर प्यार में डूबी रहूँ
अच्छा लगता है इस कदर
अक्सर तेरे प्यार में डूब जाना
डूबकर प्यार महसूस करना
शाम ढले तेरी याद का आना
आकर फिर दूर न जाना

न परखना कभी प्यारभरे दिल  को
हर कदम पर साथ मेरा  देना
अपना भी होगा खुशियों भरा आशियाना
बस सदा प्यार जगाये रखना
जब भी उमड़े प्यार दिल में
प्यारभरी इबारत लिख भेजना
शाम ढले तेरी याद का आना
आकर फिर दूर न जाना

-Kavita Rawat