दिल को दिल से राह होती है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

दिल को दिल से राह होती है

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दिल को दिल से राह होती है
जब दिल में जगह बन जाय
तो घर में भी जगह बन जाती है

दिल आदमी का छुपा हुआ खजाना है
छोट-छोटे उपहार दिल से दिए जाते हैं
पर बड़े-बड़े उपहार दौलत दिखाना है.

दिल की ख़ुशी दौलत से बढकर है
यह हजारों लोगों से गवाही से बढकर है

जब दिल में भभक रही हो ज्वाला
तो कुछ चिंगारियां मुहं से बाहर निकलती हैं
दिल तो कांच का महल है
जिसकी मरम्मत नहीं की जा सकती है

दिल में लगी हो आग तो दिमाग में धुंआ भर जाता है
ऑंखें छलकने लगती हैं और दिल भर-भर आता है



-Kavita Rawat