अक्तूबर 2011 - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

दीप बन जग में उजियारा फैलाएं....

अक्तूबर 24, 2011 91
दीपावली की गहन अंधियारी रात्रि में जब हरतरफ पटाखों के शोरगुल और धुएं से उपजे प्रदूषण के बीच अन्धकार को मिटाने को उद्धत छोटे से टिम...
और पढ़ें>>

शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

गरीब, कमजोर पर हर किसी का जोर चलने लगता है!

अक्तूबर 14, 2011 78
स्वर्ण लदा गधा किसी भी द्वार से प्रवेश कर सकता है। शैतान से न डरने वाला आदमी धनवान बन जाता है ।। अक्सर धन ढेर सारी त्रुटियों में...
और पढ़ें>>