हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
तुम निराकार विकराल महाकाल
बन के रहना सदा मेरा ढाल
तुम करोड़ों कामदेवों की ज्योति
दयालु कृपालु सकल गुणधाम
सिर तुम्हारे विराजमान गंगा
ललाट पर द्वितीया का चंद्रमा
गले में पहने सर्पमाला साथ
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
सुंदर भृकुटी विशाल नेत्र भाते
कानों में कुंडल शोभा पाते
प्रसन्न मुख, नीलकंठ दयालु
सिंह चर्म वस्त्र धारण किए
मुण्डमाल पहने सबके नाथ
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
कोटि सूर्य सम प्रकाशमान
अजन्मे परमेश्वर प्रचंड अखंड
तुम हो प्रलय करने वाले
सबको आनंद भी देने वाले
सदा त्रिशूल रखते हो हाथ
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
तुम मोह को हरने वाले
मन को मथ डालने वाले
सबके दुःख दर्द हरने वाले
पार्वती जी के दिल में रहने वाले
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
सुंदर भृकुटी विशाल नेत्र भाते
कानों में कुंडल शोभा पाते
प्रसन्न मुख, नीलकंठ दयालु
सिंह चर्म वस्त्र धारण किए
मुण्डमाल पहने सबके नाथ
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
कोटि सूर्य सम प्रकाशमान
अजन्मे परमेश्वर प्रचंड अखंड
तुम हो प्रलय करने वाले
सबको आनंद भी देने वाले
सदा त्रिशूल रखते हो हाथ
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
तुम मोह को हरने वाले
मन को मथ डालने वाले
सबके दुःख दर्द हरने वाले
पार्वती जी के दिल में रहने वाले
वो मेरे कैलाशपति भोलेनाथ
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
हम भजते तुमको भोलेनाथ
रखना माथे सदा अपना हाथ
.... कविता रावत