ज्ञान दीप जो जलाते हैं,
जीवन पथ दिखलाते हैं।कठिन विषय भी सहज बनाकर,
बुद्धि को चमकाते हैं।,
हर दिन देते अभ्यास नया,
उत्तर भी जांच दिखाते हैं।
सही दिशा में बढ़ने पर,
हौसला खूब बढ़ाते हैं।
परीक्षा जब पास आती है,
वे दिन-रात पढ़ाते हैं।
हर प्रश्न का समाधान देकर,
संशय दूर हटाते हैं।
सदभाव, उपकारी शिक्षक,
सम्मान उन्हें दिल से दें।
उनके कारण ही भारत के,
सपूत तेजस्वी बनें।
गीत रचना- महेश सक्सेना
शिक्षाविद, बाल साहित्यकार,
बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केंद्र,
भोपाल

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