नव धरा, नव विहान
बीता अतीत अब नव भविष्य
नव कल्पना, नव विचार
नव संवेदना, नव संरचना
संवारे गाँव गरीब
यह संकल्पना साकार करें
गढ़े संवारे नवराष्ट्र
आप सुखमय होवे
यह समाज सुखमय होवे
यही शुभेच्छा हमारी
नव प्रकाश से आलोकित
हो जगती सारी
'चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमेऽहनि।
शुक्लपक्षे समग्रे तु तदा सूर्योदये सति।।
- ब्रह्म पुराण में वर्णित इस श्लोक के अनुसार चैत्र मास के प्रथम सूर्योदय पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसी दिन से संवत्सर की शुरूआत होती है।
हिन्दू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा एवं चै़त्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!
आप सबको हार्दिक बधाई
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ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ... आशा है जल्दी ही समय आएगा जब पूरे भारत को भी अपनी गरिमा का भान होगा और इस दिन का महत्त्व जानेगा ... दुनिया का करीब करीब हर देश अपने अपने कलेंडर अनुसार अपना नव वर्ष धूम धाम से मनाता है ...
ReplyDeleteमंगलकामनाएं नव वर्ष की !
ReplyDeleteनव वर्ष की मंगलकामना।
ReplyDeleteनव वर्ष की मंगलकामना।
ReplyDeleteसुन्दर ...
ReplyDeleteआपको भी नव संवत्सर 2073 की शुभकामनाएं....
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (09-04-2016) को "नूतन सम्वत्सर आया है" (चर्चा अंक-2307) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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चैत्र नवरात्रों की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
नव संवत्सर मंगलमय हो!!!
ReplyDeleteनए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteनए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहमारी भावनायें भी आपके स्वर में स्वर मिला रही हैं !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " दन्त क्रांति - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआपने लिखा...
ReplyDeleteकुछ लोगों ने ही पढ़ा...
हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना दिनांक 10/04/2016 को पांच लिंकों का आनंद के
अंक 268 पर लिंक की गयी है.... आप भी आयेगा.... प्रस्तुति पर टिप्पणियों का इंतजार रहेगा।
जय माता दी
ReplyDeleteSeetamni. blogspot. in
बहुत सुंदर प्रस्तुति ... जय मां भवानी
ReplyDeleteनए साल की शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनव संवत्सर २०७३ मंगलमय हो!
ReplyDeleteमंगलकामनाएं ........
ReplyDeleteआपको भी
ReplyDeleteमंगलकामनाएं ।
ReplyDeleteआपको भी नववर्ष की बधाई और मंगलकामनाएं
ReplyDeleteनववर्ष एवं ऩवरात्र की शुभकामनाये।
ReplyDeleteनव संवत्सर की आपको और आपके परिवार को ढेरों बधाईयां। सुंदर रचना।
ReplyDeleteआज बहुत लम्बे समय के बाद एक बार फिर से मन बनाया है ब्लॉग की इस दुनिया में वापसी का. आपका स्नेह मिलता रहा है. आगे भी मिलता रहेगा यही कामना है। आपकी बहुत सी रचनाएँ पढ़ना बाकी हैं। जल्द ही पढ़ने का प्रयास करूँगा.
ReplyDeleteबहुत आभार
अखिलेश 'कृष्णवंशी '
नव संवेदना, नव संरचना
ReplyDeleteसंवारे गाँव गरीब
यह संकल्पना साकार करें
आदरणीया कविता जी ..बहुत सुन्दर भाव ...नया दिन नया वर्ष मंगल करे सब का तो आनंद और आये ..
भ्रमर ५
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं...
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना नवबर्ष की शुभकामनाए ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआपको मेरी तरफ़ से हिंदू नववर्ष की बधाईयाँ
ReplyDeleteसुन्दर रचना, सुभावना।
ReplyDeleteशुभकामनाएं
सुन्दर रचना, सुभावना।
ReplyDeleteशुभकामनाएं