नव उत्सव है लाया
आया रे आज हमारा,
नया वर्ष है आया
नील वर्ण में डूबा गगन,
देखो कैसे चमकने लगा
सूरज अपने ताप से,
देखो फसल पकाने चला
लहलहाती फसल देख कर,
किसान खुशी से झूम उठे
नई फसल काटने की,
तैयारी में हैं जुटे
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हमारा,
नव उत्सव है लाया
आया रे आज हमारा,
नया बरस है आया
नदियों में निर्मल जल धारा,
देखो कैसे बहने लगी
प्रकृति रंग-बिरंगे फूल-पत्तों से,
देखो कैसे सजी धजी
डाली-डाली आम की,
कैसे कैरियों से हैं लदी
मतवाली होकर कोयल देखो ,
डाल डाल कुहूकने चली
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हमारा,
नव उत्सव है लाया
आया रे आज हमारा,
नया वर्ष है आया
आया रे आज हमारा,
हिंदू नव वर्ष आया
.... कविता रावत
आया रे आज हमारा,
नया वर्ष है आया
नील वर्ण में डूबा गगन,
देखो कैसे चमकने लगा
सूरज अपने ताप से,
देखो फसल पकाने चला
लहलहाती फसल देख कर,
किसान खुशी से झूम उठे
नई फसल काटने की,
तैयारी में हैं जुटे
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हमारा,
नव उत्सव है लाया
आया रे आज हमारा,
नया बरस है आया
नदियों में निर्मल जल धारा,
देखो कैसे बहने लगी
प्रकृति रंग-बिरंगे फूल-पत्तों से,
देखो कैसे सजी धजी
डाली-डाली आम की,
कैसे कैरियों से हैं लदी
मतवाली होकर कोयल देखो ,
डाल डाल कुहूकने चली
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हमारा,
नव उत्सव है लाया
आया रे आज हमारा,
नया वर्ष है आया
आया रे आज हमारा,
हिंदू नव वर्ष आया
.... कविता रावत
नव संवत्सर, गुड़ी पड़वा, चेटीचंड, उगादि नवरेह, साजिबु नोंगमा पंबा, बोहाग बिहू की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
पहली बार हिंदू नव वर्ष पर गीत लिखा है हमने।
यह गीत सभी हिन्दुओं तक पहुंचकर उन्हें हमारे साथ गुनगुनाने को प्रेरित करेगा ऐसा हमें आशा और विश्वास है।
हिन्दू नववर्ष के उत्सव पर अपने घर पर भगवा पताका लगाकर, घर के द्वार पर रंगोली बनाते हुए देहरी पर दीपक जलायें और घर पर रोशनी के लिए झालर लगायें एवं सगे-संबन्धी, मित्र, बंधुओं को नववर्ष की शुभकमनायें प्रेषित करना न भूलें।