दूध में उफान आने पर वह चूल्हे पर जा गिरता है।
नम्र व्यक्ति अपनी नम्रता धूर्त व्यक्ति से सीखता है।।
नम्र बनने के लिए कोई मोल नहीं चुकाना पड़ता है।
हमेशा तराजू का वजनदार पलड़ा ही झुकता है।।
जो पेड़ झुक गया वह तूफान से बच निकलता है
वह पेड़ कभी टूटता नहीं जो लचकदार होता है।।
शालीनता से अपमान सहन नहीं करना पड़ता है।
हरेक वृक्ष नहीं झुकता फलवाला वृक्ष ही झुकता है।।
शालीनता से अपमान सहन नहीं करना पड़ता है।
हरेक वृक्ष नहीं झुकता फलवाला वृक्ष ही झुकता है।।
.... कविता रावत