उन परमानन्दकन्द गोविन्द का नित भजन करो जो चिदानन्दस्वरूप जगतपालक सुखदायक हैं - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

बुधवार, 13 अगस्त 2025

उन परमानन्दकन्द गोविन्द का नित भजन करो जो चिदानन्दस्वरूप जगतपालक सुखदायक हैं


उन परमानन्दकन्द गोविन्द का नित भजन करो
जो चिदानन्दस्वरूप जगतपालक सुखदायक हैं

निराश्रय आश्रयदाता भवसागर पार कर्ता
परगुणाश्रय श्रीलक्ष्मी कंठ हार हैं
जो वृन्दावन बिहारी शंकर सम्पूजित हैं
महासमुद्र चराचर आदिकारण देव संरक्षक हैं
उन परमानन्दकन्द गोविन्द का नित भजन करो
जो चिदानन्दस्वरूप जगतपालक सुखदायक हैं

धीर जन बुद्धि से जिनका ध्यान धरते हैं
योगिजन जिन्हें महावाक्यों से जानते हैं
अमृतपान कराने वाले गरुड़ वाहन वाले
जो मनोज्ञ ज्ञानस्वरूप मुनिजन आश्रय ध्रुवस्थान हैं
उन परमानन्दकन्द गोविन्द का नित भजन करो
जो चिदानन्दस्वरूप समरस जगत सुखदायक हैं

जो त्रिलोक विधाता विधिवाक्य परे हैं
जिनका फैला मायारूपी महाजाल है
जो तन मन धारक नूतन तनुधारी हैं
उन परमानन्दकन्द गोविन्द का नित भजन करो
जो चिदानन्दस्वरूप जगतपालक वरदायक हैं

जिनका चांद सा मुखड़ा सुंदर भाल है
जो निर्मल वनमाला धारण किए हैं
जो मलका अपहरणकर्ता गोपाल हैं
शिशुपालवधकारी कलातीत काल हैं
उन परमानन्दकन्द गोविन्द का नित भजन करो
जो चिदानन्दस्वरूप समरस जगतपालक हैं

... कविता रावत 

कोई टिप्पणी नहीं: