गजानना,गजानना
स्वानन्देशा गजानना।
गजानना गजानना,
पार्वतीनन्दन गजानना।
गजानना गजानना,
बोलो गणपति बप्पा मोरया!
गजानना गजानना,
स्वानन्देशा गजानना
गजानना गजानना,
बोलो जय प्रभु गजानना!
सतयुग में कश्यप पुत्र बने तुम,
देवो की माँ के आँचल में पले ।
दशभुजाधारी महोत्कट विनायक,
सिंह पे हो आरूढ़ कैसे चले।।
गंधर्वराज को मुक्त किया तूने,
हाहा हुहू तुम्बुरु को दर्शन दिये।
नरान्तक देवान्तक दुष्ट दो भाई,
का वध कर काशी की रक्षा करे।।
नरान्तका देवान्तका,
का अंत करे प्रभु महोत्कटा।
गजानना गजानना,
अदितिनन्दन गजानना।
गजानना गजानना,
कश्यपनन्दन गजानना।
गजानना गजानना,
बोलो गणपति बप्पा मोरया!
त्रेता में गिरिजा तुमको बुलाये,
स्वानंदलोक से तुम आ गए।
छः भुजा धारी श्री मयूरेश्वर,
सिद्धिबुद्धि माता संग मयूर चढ़े।।
पापि कमलासुर तुम्हें ललकारे,
सहजता से वध तू उसका करे ।
उग्रेक्षण सिंधु का अंत करे प्रभु,
देवो को बंधन मुक्त करे ।।
उग्रेक्षणा कमलासुरा,
का अंत करे प्रभु मयूरेश्वरा।
गजानना गजानना,
गिरिजानंदन गजानना।
गजानना गजानना,
शंकर सुवन प्रभु गजानना।
गजानना गजानना,
बोलो जय प्रभु गजानना!
द्वापर में सिद्ध हुए भक्तों के वर,
वरेण्य पराशर को धन्य करे।
चतुर्भुजी गजानन त्रिनेत्रा स्वामी,
पाशांकुश ले मूसा पे चढ़े।।
सिन्दूरा को देवा तूने पछाडा,
देह पे उसका तू रक्त मले।
वरेण्य को दिया गीता का ज्ञान,
फ़िर अपने स्वानंदलोक चले।।
ब्रम्हा का पुत्र था सिन्दूरा,
उसको उद्धारे सिन्दूरवदना।
गजानना गजानना,
सिन्दूरवदना गजानना।
गजानना गजानना,
ज्ञानेश्वर प्रभु गजानना।।
कलयुग में आओ अब तो गजानन,
भक्तों को अपने धन्य करो।।
द्विभुज धारी धूम्रवर्ण प्रभु,
अश्वसवारी कर आओ पधारो।।
हे श्री गजानन हे महागणपति,
हम भक्त तेरे चरणों में पड़े।।
विघ्नों को हरण मंगल करना,
ज्ञान और वैभव का वर दे ।।
म्लेच्छों दुष्टों का हो संघारा,
श्री धूम्रकेतु का हो अवतारा।
गजानना गजानना,
म्लेच्छन्तक गजानना।
गजानना गजानना,
धूम्रवर्ण प्रभु गजानना।।
गजानना गजानना,
स्वानन्देशा गजानना।
गजानना गजानना,
पार्वतीनन्दन गजानना।
गजानना गजानना,
बोलो गणपति बप्पा मोरया!
गजानना गजानना,
बोलो जय प्रभु गजानना!
.. Kavita Rawat
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