जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी
दैत्य नाशक नाना रूप धारक, सृष्टिपालक सृष्टिसंहारक
तुम परात्पर माया के स्वामी, हो चिदानन्दमय निर्विकारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी
तुम हो सत्, असत्, व्यक्त अव्यक्तरूप सर्वशक्ति के स्वामी
तुमको भजते इन्द्र देवगण, तुम हो नाना अस्त्र-शस्त्रधारी
तुम सम्पूर्ण विद्या के प्रवक्ता, हो सर्वव्यापक सर्वरूपधारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी
भक्त तुम्हारे गुण ध्यान धरते, तुम मनोकामना पूरण करते
तुम पार्वती नंदन कहलाते, शंकर जी का आनन्द बढ़ाते
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड नायक, तुम जगदीश्वर नाना रुपधारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी
...कविता रावत
5 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 28 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी ....
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
अत्यंत ही सराहनीय रचना हेतु बहुत सारी शुभकामनाएं
बेहतरीन, गणपति बप्पा मोरिया 🙏
बहुत सुंदर।
सुंदर | ब्लॉगर में टिप्पणियां नहीं हो पा रही थी | आज बहुत दिनों के बाद एक्टिव मिला |
एक टिप्पणी भेजें