जै मयूरेश गणेश नमन वंदन : कविता रावत - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

बुधवार, 27 अगस्त 2025

जै मयूरेश गणेश नमन वंदन : कविता रावत


जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी
दैत्य नाशक नाना रूप धारक, सृष्टिपालक सृष्टिसंहारक
तुम परात्पर माया के स्वामी, हो चिदानन्दमय निर्विकारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी

तुम हो सत्, असत्, व्यक्त अव्यक्तरूप सर्वशक्ति के स्वामी
तुमको भजते इन्द्र देवगण, तुम हो नाना अस्त्र-शस्त्रधारी
तुम सम्पूर्ण विद्या के प्रवक्ता, हो सर्वव्यापक सर्वरूपधारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी

भक्त तुम्हारे गुण ध्यान धरते, तुम मनोकामना पूरण करते
तुम पार्वती नंदन कहलाते, शंकर जी का आनन्द बढ़ाते
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड नायक, तुम जगदीश्वर नाना रुपधारी
जै मयूरेश गणेश नमन वंदन, हो तुम अन्तर्यामी विघ्नहारी

...कविता रावत 


5 टिप्‍पणियां:

Ravindra Singh Yadav ने कहा…

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 28 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी ....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

!

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

अत्यंत ही सराहनीय रचना हेतु बहुत सारी शुभकामनाएं

हरीश कुमार ने कहा…

बेहतरीन, गणपति बप्पा मोरिया 🙏

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बहुत सुंदर।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर | ब्लॉगर में टिप्पणियां नहीं हो पा रही थी | आज बहुत दिनों के बाद एक्टिव मिला |