Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

शनिवार, 13 अगस्त 2016

सोमवार, 8 अगस्त 2016

हरेक वृक्ष नहीं फलवाला वृक्ष ही झुकता है

अगस्त 08, 2016 18
एक पक्ष की नम्रता बहुत दिन तक नहीं चल पाती है। एक बार शालीनता छोड़ने पर वह लौटकर नहीं आती है।। दूध में उफान आने पर वह चूल्हे पर जा गिरता ...
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सोमवार, 18 जुलाई 2016

मंगलवार, 12 जुलाई 2016

अच्छाई और सद्‌गुण इंसान की असली दौलत होती है

जुलाई 12, 2016 7
अच्छाई सीखने का मतलब बुराई को भूल जाना होता है। प्रत्येक सद्‌गुण किन्हीं दो अवगुणों के मध्य पाया जाता है।। बहुत बेशर्म बुराई को भी द...
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सोमवार, 13 जून 2016

गाँव में शादी-ब्याह की रंगत

जून 13, 2016 15
दो चार दिन ही सही लेकिन जब भी शहर की दौड़-भाग भरी जिन्दगी से दूर पहाड़ी हरे-भरे पेड़-पौधों, गाँव की टेढ़ी-मेढ़ी बलखाती पगडंडियों, खेत-खलियानो...
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बुधवार, 8 जून 2016

शनिवार, 4 जून 2016

सोमवार, 30 मई 2016

शुक्रवार, 13 मई 2016