समय का प्रवाह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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सोमवार, 3 मार्च 2025

समय का प्रवाह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है

ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है
थोड़ी देर का सुख बहुत लम्बे समय का पश्चाताप होता है

एक बार कोई अवसर हाथ से निकला तो वापस नहीं आता है
दूध बिखरने के बाद रोने-चिल्लाने से कोई फायदा नहीं होता है

मनुष्य अपने भाग्य को नहीं उसका भाग्य उसे ढूंढ लेता है
गम का एक दिन हँसी-ख़ुशी के एक माह से भी लम्बा होता है

नियति कभी एक मुसीबत डालकर संतुष्ट नहीं होती है
उसके आगे माथा टेक लेने में ही समझदारी रहती है


दुर्भाग्य उड़कर आता किन्तु पैदल वापस जाता है
अभागे के हाथ में पारस भी पत्थर बन जाता है

व्यस्त मनुष्य का समय बहुत जल्दी बीतता है
समय का प्रवाह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है
... कविता रावत