गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015
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दशहरा,
रामलीला प्रसंग,
रावण वध दृश्य,
लेख,
विजयादशमी
Blogger & Youtuber
मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015
मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015
गाय भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है
कविता रावत
अक्तूबर 13, 2015
हिन्दू साहित्य में गाय- प्राचीनकाल से ही भारत के जनमानस में गाय के प्रति सर्वोच्च श्रद्धा भाव रहा है। उसे राष्ट्र की महान धरोहर, लौकिक ...
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बुधवार, 7 अक्तूबर 2015
दो घरों का मेहमान भूखा मरता है
कविता रावत
अक्तूबर 07, 2015
दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है। दो घरों का मेहमान भूखा मरता है।। दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है। बहुत ...
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शुक्रवार, 18 सितंबर 2015
श्री गणेश जन्मोत्सव
कविता रावत
सितंबर 18, 2015
उत्सव, त्यौहार, पर्वादि हमारी भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता की अनूठी पहचान कराते हैं। रक्षाबन्धन के साथ ही त्यौहारों का सिलसिला शुरू ...
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सोमवार, 14 सितंबर 2015
हिन्दी दिवस हिन्दी का पर्व है
कविता रावत
सितंबर 14, 2015
प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाये जाने वाला हिन्दी दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का गौरव, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
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गुरुवार, 10 सितंबर 2015
शुक्रवार, 4 सितंबर 2015
5 सितम्बर - शिक्षक दिवस
कविता रावत
सितंबर 04, 2015
शिक्षकों द्वारा किए गए श्रेष्ठ कार्यों का मूल्यांकन कर उन्हें सम्मानित करने का दिन है ‘शिक्षक दिवस‘। छात्र-छात्राओं के प्र...
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शुक्रवार, 28 अगस्त 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है
कविता रावत
अगस्त 28, 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है । देखो राखी का आया त्यौहार है । । सभी को राष्ट्रव्यापी पारिवारिक पर्व रक्षाबंधन की...
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।