सबके दुखहर्ता महेश्वर का
हरदम जाप करो ध्यान धरो
वो चांदी पर्वत सम कांति वाले
सुंदर चंद्र आभूषण धारे
तन रत्नमय अलंकृत उज्ज्वल
परशु मृग वर अभय धारे
उन सर्व दुखहर्ता महेश्वर का
हरदम जाप करो ध्यान धरो
वो बैठे प्रसन्नमुख पदम आसन
उनका हर दिन देव गान करे
वे बाघम्बर ओढ़े आदि पति
जगत बीज सर्व भयहरण वाले
उन सर्व दुखहर्ता महेश्वर का
हरदम जाप करो ध्यान धरो
वो कहलाते हैं त्रिलोक पति
वे दशकन्या सती स्वामी हैं
निपुण मृदंग डमरू बजाने में
कुशल मधुर पंच स्वर गायन में
उन सर्व दुखहर्ता महेश्वर का
हरदम जाप करो ध्यान धरो
वो नरमुंड कुंडल सर्पमाल धरे
तन उनका चिता धूलि धूसर
दक्ष यज्ञ विध्वंस करने वाले
यज्ञकर्ता को फल देने वाले
उन सर्व दुखहर्ता महेश्वर का
हरदम जाप करो ध्यान धरो
जगत जन्म जरा मरण भय तारण
तन संचित मद त्याग कराने वाले
ब्रह्मा विष्णु इंद्र करे जिन पूजा
जो त्रिनेत्र हैं त्रिभुवन के स्वामी
उन सर्व दुखहर्ता महेश्वर का
हरदम जाप करो ध्यान धरो
... कविता रावत