नवरात्रि : भक्ति और शक्ति का उत्सव - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

नवरात्रि : भक्ति और शक्ति का उत्सव

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवी दुर्गे देवि नमोsस्तु ते ।।

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोsस्तु ते ।।

गणेशोत्सव के बाद नौ दिन तक चलने वाला शक्ति और भक्ति का अनुपम उत्सव दुर्गोत्सव सर्वाधिक धूम-धाम से मनाया जाने वाला उत्सव है। अकेले मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दुर्गा उत्सव के अवसर पर लगभग डेढ़ हजार स्थानों पर माँ दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं आकर्षक साज-सज्जा के साथ स्थापित की जाती हैं। वहीँ दुर्गा मंदिरों में नौ दिन तक माता रानी की अखंड ज्योत जलाकर पूजा अर्चना, हवनादि होता रहता है। नवरात्र उत्सव का विशेष आकर्षण भव्यतम झाँकियाँ जो पौराणिक गाथाओं के साथ-साथ सामयिक सामाजिक व्यवस्थाओं को प्रदर्शित कर नव जागरण का सन्देश देती हैं, सभी जाति, धर्म सम्प्रदाय के लोगों को समान रूप से आकृष्ट करती है। शाम ढलते ही माँ दुर्गे की भव्य प्रतिमाओं और आकर्षक झाँकियों के दर्शन के लिए जन समूह एक साथ उमड़ पड़ता है। जगह-जगह नौ दिन तक हर दिन मेला लगा रहता है।
नवरात्र में यंत्रस्थ कलश, गणेश, नवग्रह, मातृका, वास्तु, सप्तर्षि, सप्तचिरंजीव, ६४ योगिनी, ५० क्षेत्रपाल तथा अन्यान्य देवताओं की वैदिक विधि के साथ पूजा करने का विधान है। अखंड दीप की व्यवस्था के साथ देवी प्रतिमा की अंग-न्यास और अग्नुत्तारण आदि विधि के साथ विधिवत पूजा का भी विधान प्रचलित है। नव दुर्गा पूजा,ज्योतिपूजा, वटुक-गणेशादि सहित कुमारी पूजा, अभिषेक, नान्दीश्राद्ध, रक्षाबंधन, मंगलपाठ, गुरुपूजा, मंत्र-स्नान आदि के अनुसार अनुष्ठान होता है। इस प्रकार विस्तृत विधि से पूजा करने वाले भक्तों पर भगवती अपनी असीम कृपा कर उनके दुःख, भय, रोग, शोकादि दूर कर शक्ति और समृद्धि प्रदान करती है।

सर्वज्ञ महात्मा वेद भगवान के द्वारा प्रतिपादित नौ देवियों का स्वरुप 'नवदुर्गा' कहलाती हैं, जिनको पृथक-पृथक शक्ति रूप से जाना जाता है। माँ दुर्गा की प्रथम शक्ति है शैलपुत्री :  माता  सती के अगले जन्म मैं शैलराज हिमालय के यहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनकी स्तुति शैलपुत्री के रूप में करते हैं । माता शैलपुत्री की आराधना से आत्मसम्मान, चिंतन और उच्च विचारों का आविर्भाव होता है। माँ की दूसरी शक्ति है ब्रह्मचारिणी :  सच्चिदानन्दमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति कराना जिनका स्वभाव हो, वे ब्रह्मचारिणी कहलाई। माँ की तीसरी शक्ति है चंद्रघंटा : इस देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चन्द्र है, इसलिए इन्हें चन्द्रघंटा कहा जाता है। इनका शरीर स्वर्ण के समान चमकीला है। दस हाथ वाली खडग और अन्य अस्त्र=शस्त्र से सज्जित सिंह पर सवार यह देवी युद्ध के लिए उद्धत मुद्रा में विराजमान रहती हैं। इनके दर्शन से अलौकिक वस्तु दर्शन, दिव्य सुगंधियों का अनुभव और कई तरह की घंटियाँ सुनायी देती हैं। इनकी आराधना से साधक  में वीरता, निर्भयता के साथ सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है। माँ की चौथी शक्ति है कूष्मांडा : यह देवी चराचर जगत की अधिष्ठात्री है। अष्टभुजा युक्त होने से इन्हें देवी अष्टभुजा के नाम से भी जाना जाता है। इस देवी की आराधना से अधियों-व्याधियों से मुक्ति और सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।  माँ की पांचवीं शक्ति है स्कंदमाता:  भगवती शक्ति से उत्पन्न हुए सनत्कुमार का नाम स्कन्द है, उनकी माता होने से वे स्कंदमाता कहलाई। माँ की छठवीं शक्ति है कात्यायनी :  देवताओं के कार्यसिद्धि हेतु महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई, जिससे उनके द्वारा अपने पुत्री मानने से कात्यायनी नाम से प्रसिद्द हुई. माँ की सातवीं शक्ति है कालरात्रि : काल की भी रात्रि (विनाशिका) होने से उनका नाम कालरात्रि कहलाई. माँ की आठवीं शक्ति हैमहागौरी : तपस्या के द्वारा महान  गौरवर्ण प्राप्त करने से महागौरी कहलाई। माँ की नौवीं शक्ति है सिद्धिदात्री : सिद्धि अर्थात मोक्षदायिनी होने से सिद्धिदात्री कहलाती है।
नाना प्रकार के आभूषणों और रत्नों से सुशोभित ये देवियाँ क्रोध से भरी हुई और रथ पर आरूढ़ दिखाई देती हैं. ये शंख, चक्र, गदा, शक्ति, हल, मुसल, खेटक, तोमर, परशु, पाश, कुंत, त्रिशूल एवं उत्तम शांर्गधनुष आदि अस्त्र-शस्त्र अपने हाथों में धारण किए रहती हैं, जिसका उद्देश्य दुरात्माओं का नाश कर भक्तों को अभयदान देते हुए उनकी रक्षा कर लोक में शांति व्याप्त करना है।

नवरात्रि के अवसर पर भक्तों का शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा की आराधना के मूल में शक्तिशाली और विजयी होने की भावना के साथ-साथ विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश और भय-नाश ही सर्वोपरि परिलक्षित होती है।

माँ दुर्गा अपने नामानुकूल सभी पर माँ जैसी समान कृपा बनाये रखे इसी नेक भावना के साथ मेरी ओर से सभी को भक्ति और शक्ति के द्योतक दुर्गोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।


41 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

नवरात्री की शुभकामनायें कविता जी..... बहत सुंदर और भावपूर्ण पोस्ट

यशवन्त माथुर (Yashwant Raj Bali Mathur) ने कहा…

आप सभी को हम सब की ओर से नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.

बेनामी ने कहा…

आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
मेरे ब्लॉग मेरी रचना..
स्त्री...

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं .

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

नवरात्रि की शुभकामनाएं ..अच्छी जानकारी देती पोस्ट

Dr.J.P.Tiwari ने कहा…

अज्ञानता की जब तक है,
घनी धुँध छायी; वह 'क़ाली' है.
भद्रक़ाली - कपालिनी - डरावनी है.
ज्ञानरूप जब चक्षु खुला,
देखा, अरे! वह 'गोरी' है, 'गौरी' है.
वह अब अम्बा है, जगदम्बा है
ब्रह्मानी रूद्राणी कमला कल्याणी है
चेतना हुई है अब जागृत,
माँ ने इसे कर दिया है- झंकृत.
सचमुच आज सन्मार्ग दिखाया है,
मुझे सत्य का बोध कराया है.

मनोज कुमार ने कहा…

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं!

Apanatva ने कहा…

आपको नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं .

rashmi ravija ने कहा…

अच्छी जानकारी मिली...
आपको नवरात्रि की अनेकों शुभकामनाएं

vijay ने कहा…

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोsस्तु ते ।।
अच्छी जानकारी देती पोस्ट...नवरात्री की शुभकामनायें कविता जी.....

Urmi ने कहा…

बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी मिली! धन्यवाद!
आपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छी जानकारी दी.

या देवी सर्व भूतेषु सर्व रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||

-नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं-

Unknown ने कहा…

ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार
आपको और आपके परिवार को नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं..

ZEAL ने कहा…

दुर्गोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Surendra Singh Bhamboo ने कहा…

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति "जय मां गौरी"
सभी पाठकों को आपको और आपके परिवार को नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

केवल राम ने कहा…

Sunder or Jaankari vardhak post ke liye Dhanyabaad .
Navratri ki Hardik Shubhkamnatan

Kailash Sharma ने कहा…

नवरात्री की बहुत शुभ कामनाएं...जय माता दी...

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें, बहुत सुंदर लेख लिखा धन्यवाद

Pankaj Trivedi ने कहा…

कविता जी, बहुत ही सुन्दर और अभ्यासी आलेख के लिएँ धन्यवाद और शुभकामनाएँ

Kusum Thakur ने कहा…

कविता जी,
आपको एवं आपके परिवार को नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं !!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

सुंदर पोस्ट। लगता है दुर्गापूजा में भोपाल आना पड़ेगा।

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति ....

आपको और आपके परिवार को नवरात्र की हार्दिक शुभ कामनाएं,

निर्मला कपिला ने कहा…

सुन्दर दुर्गा स्तुति।
सृष्टी गते सर्वेशवरी श्री दुरगाये नम:
नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.

Unknown ने कहा…

अच्छी जानकारी दी.

या देवी सर्व भूतेषु सर्व रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||

-नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं-
arganikbhagyoday.blogspot.com
arganikbhagyoday-jindagijindabad.blogspot.com

shailendra ने कहा…

या देवी सर्व भूतेषु सर्व रूपेण संस्थिता |
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||

बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी मिली! धन्यवाद
नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं-

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आपको परिवार समेत नवरात्र की शुभकामनाएं।
आने वाला समय मंगलमय और शुभ हो।

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

सच में कविता जी आपके ब्लाग पर तो आज आना सार्थक हो गया ,इस माने में कि नवरात्रि के अवसर पर एक मंदिर में जाने के समान ही लाभ हुआ---बहुत सार्थक पोस्ट। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें।------पूनम

शरद कोकास ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति

Unknown ने कहा…

बहुत सार्थक पोस्ट कविता जी
नव-रात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

Kunwar Kusumesh ने कहा…

नवरात्रि के अवसर पर आपकी यह पोस्ट बेहतरीन लगी.

नवरात्रि की आपको हार्दिक शुभकामनायें.

समय हो तो कृपया मेरे ब्लॉग:kunwarkusumesh.blogspot.com पे नई पोस्ट देखें.

कुँवर कुसुमेश

रचना दीक्षित ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति. आपको नवरात्रि की अनेकों शुभकामनाएं

शूरवीर रावत ने कहा…

नवरात्रों पर आपका यह आलेख जानकारिपरख है. आपने उन सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला है जो आम भक्तगण नहीं जानता है और वह पंडित या पुजारी द्वारा बताई गयी विधि का अंधानुसरण मात्र करता है. आभार.
परन्तु कविता जी, क्या आपको नहीं लगता है कि हम लोग उन्हीं उत्सवों को, उन्हीं नृत्यों को और उन्हीं देवताओं को महत्व दे रहे हैं जो बड़े शहरों में/ बहुसंख्यक समाज द्वारा या मीडिया द्वारा प्रचारित है. इसे अंधभक्ति कहें या अंधानुसरण? आप जानती हैं कि उत्तराखण्ड में 'शैव' मतावलंबियों की संख्या 'शाक्त' मतावलंबियों की अपेक्षा कहीं अधिक है और 'वैष्णव' मतावलंबी सबसे कम है. फिर भी उत्तराखण्ड में अब घर घर में नवरात्र मनाये जाते हैं, भोले तथा बदरी विशाल की जय-जयकार भी हो रही है और शनि मंदिर, हनुमान मंदिर व साईं बाबा मंदिरों में भी लोगों की भीड़ मत्था टेकते हुए देखी जा सकती है. इसे श्रृद्धा कहें या ......? शेष फिर.

Unknown ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति
..नवरात्र की ढेर सारी शुभकामनाएं ....

Priyanka Soni ने कहा…

अति सुन्दर प्रस्तुति !

DEEPAK PANERU ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति है, आपको और आपके पूरे परिवारजनों को नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

कविता जी माँ दुर्गा की आपने बहुत विस्तृत जानकारी दी .....शुक्रिया ....!!
इन बातों का तो हमें पता ही न था .....!!

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

माँ दुर्गा के बारे में ये सब जानकार बहुत अच्छा लगा .
माँ की कृपा हम सब पर बनी रहे .

Unknown ने कहा…

अति सुन्दर प्रस्तुति !

PURAN SINGH BISHT ने कहा…

hi....kavita ji how r u aapke baatre me jankar kaphi accha laga aur aapke lekho se kaphi kuchh sikhne ko mila........

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

विस्तृत जानकारी देती अच्छी प्रस्तुति ... नाव रात्रि की शुभकामनायें

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें…। सर्व स्वरूपे सर्वेशे, सर्वशक्ति समन्विते। भयेभयस्त्राहि नो देवि, दुर्गे देवी नमोस्तुते॥ मां भगवति जगत का कल्याण करे…।