कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक मनाया जाने वाला पांच दिवसीय सुख, समृद्धि का खुशियों भरा दीपपर्व ’तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् 'अंधेरे से प्रकाश की ओर चलो' का संदेश लेकर आता है। अंधकार पर प्रकाश का विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेमभाव का संदेश फैलाता है। त्यौहार, पर्वादि हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं, जिनके बिना हमारे भारतीय जनमानस की खुशियाँ अधूरी व जिन्दगी बेरौनक है। त्यौहार हो या कोई भी पर्व ये सिर्फ ईश्वरीय पूजा या जमाने के साथ चलने का माध्यम मात्र नहीं है, अपितु इनके मूल में ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःख भागभवेत, के साथ ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना निहित है।
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नरक चतुर्दशी: नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी और छोटी दीपावली के नाम से भी मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण से देव तथा मानवों को यातना देने वाले दैत्य नरकासुर का वध कर उसके बंदीगृह की 16 सहस्त्र राजकन्याओं को मुक्त किया। अतः यह पर्व दुष्ट लोगों से रक्षा तथा उनके संहार के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा कर इसे रूप चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितृश्वरों का आगमन हमारे घरों में होता है, अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए यमराज के निमित्त घर के बाहर तेल का चैमुख दीपक और सोलह छोटे दीए जलाकर अपने ईष्ट देव की पूजा की जाती है।
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रात्रि को सभी लोग घरों की साफ-सफाई और साज-सज्जा में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते क्योंकि मान्यता है कि दीपावली कीरात लक्ष्मी जी सर्वत्र विचरण करते हुए अपने स्वयं के निवास योग्य स्थान ढूंढ़ती है, ऐसा स्थान जहाँ अंधेरा और अंधेरे की ही भांति गंदा न दिखाई दे। वह केवल बाह्य स्वच्छता ही नहीं अपितु पूरे परिवार के अंतःकरण की पवित्रता एवं शुचिता पर ध्यान देती है। इस संबंध में पुराणों के माध्यम से में लक्ष्मी जी का संदेश दिया गया है कि “वसामि नित्यं सुभगे प्रगल्भे दक्षे नरे कर्मणि वर्तमाने। अक्रोधने देवपरे कृतज्ञे जितेन्द्रिये नित्यमुदीर्णसत्तवे।। स्वधर्मशीलेषु च धर्मवित्सु वृद्वोपसेवानिरते च दान्ते। कृतात्मनि क्षान्तिपरे समर्थे क्षान्तासु दान्तासु तथाऽबलासु।।“
गोवर्धन पूजा: दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र के कोप से डूबते ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन की पूजा कर अपने अंगुली उठाया। यह कृषक वर्ग के लिए विशेष पर्व है। इस दिन लोग अपने गाय-बैलों को सजाकर तथा गोबर का पर्वत बनाकर ’ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय“ मंत्र का जाप कर पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन गौमाता की पूजा करने से सभी पा उतर जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भाई दूज: गोवर्धन पूजा के अगले दिन बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके दीर्घायु की कामना के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती हैं। भैयादूज भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन मत्यु के देवता यम की बहन यमी (सूर्य पुत्री यमुना) ने अपने भाई यमराज को तिलक लगाकर भोजन कराया था तथा भगवान से प्रार्थना की थी कि उसका भाई सकुशल रहे। इसलिए इसे यम द्वितीया कहते हैं।
भाई दूज: गोवर्धन पूजा के अगले दिन बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके दीर्घायु की कामना के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती हैं। भैयादूज भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन मत्यु के देवता यम की बहन यमी (सूर्य पुत्री यमुना) ने अपने भाई यमराज को तिलक लगाकर भोजन कराया था तथा भगवान से प्रार्थना की थी कि उसका भाई सकुशल रहे। इसलिए इसे यम द्वितीया कहते हैं।
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35 टिप्पणियां:
Rochak va sunder jaankari ... Aapko bhi depawali va dhanteras ki dhero badhayi va shubhkamnaayein ... !!!
jyotiparv deepawali ki hardik shubhkaamnayen !
दीपावली की ज्ञानवर्धक जानकारी ....
पर्वों के समूह दीपोत्सव की असीम शुभकामना
सार्थक जानकारी ...
भगवान धन्वन्तरि जयंती की हार्दिक मंगलकामनायें!
दीपावली और पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के महत्त्व को बाखूबी से समझाया है आपने ... बहुत बहुत आभार ....
दीपावली की हार्दिक बधाई ...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !
बहुत सुन्दर जानकारी बटोरकर एक स्थान पर दे दिया आपने। आभार।
आपको भी दीप-पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सुंदर...
भगवान धन्वन्तरि जयंती की हार्दिक मंगलकामनायें!
http://pratibimbprakash.blogspot.com/2014/10/Dnwantri-Thrayodashi-has-become-a-shelter-the-Diwali.html
बहुत सुन्दर रोचक सामयिक जानकारी
भगवान धन्वन्तरि जयंती की हार्दिक मंगलकामनायें!!!
भगवान धन्वन्तरि जयंती की मंगलकामनाएं!
पंच पर्व दीपावली का सुन्दर वर्णन
दीप पर्व की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें!
दीप पर्वोत्सव की बहुत हार्दिक शुभकामनायें!
सुन्दर...........
भगवान धन्वन्तरि जयंती की हार्दिक मंगलकामनायें!
बहुत सुन्दर जानकारी ....
आपको भी दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सुन्दर पोस्ट
आपको भी शुभकामनायें
दीप पर्व शुभ हो । सुंदर आलेख ।
बहुत हि सुंदर , शुभकामनाएं आपको , धन्यवाद !
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 23 . 10 . 2014 दिन गुरुवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
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सुंदर सार्थक आलेख... दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
अच्छा सामयिक आलेख।
दीपावली की अशेष शुभकामनाएं !
पांच दिवसीय दीपावली को अच्छे से समझा दिया आपने .....
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !
अत्यन्त सुन्दर। आपको दीपावली की मंगलकामनाएं।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
अनुपम प्रस्तुति......आपको और समस्त ब्लॉगर मित्रों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ......
नयी पोस्ट@बड़ी मुश्किल है बोलो क्या बताएं
हैप्पी दीपावली....शुभकामनायें
बहुत सुंदर. दीपोत्सव की मंगलकामनाएं !
बहुत सुन्दर।
दीपावली की शृंखला में
पंच पर्वों की आपको शुभकामनाएँ।
सुंदर सार्थक आलेख
आपको भी सपरिवार दीपोत्सव शुभ हो मंगलमय हो ।
बहुत रोचक प्रस्तुति...दीप पर्व की हार्दिक मंगलकामनाएं!
विस्तृत जानकारी के लिये सादर आभार.
बढ़िया जानकारी
जानकारी भरी प्रस्तुति...दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें...
दीपावली की ज्ञानवर्धक जानकारी ! दीपोत्सव शुभ हो मंगलमय हो ।
दीपोत्सव पर बहुत सुन्दर जानकारी
हार्दिक मंगलकामनाएँ !
सादर आभार !
अच्छी गान-वर्द्धक !
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