कच्ची-पक्की सड़कों के किनारे
बहुमंजिला इमारतों; बंगलो, मकानों से
सालभर का जमा पुराना कबाड़
बाहर निकल आता है उत्सवी रंगत में
उसकी आहट सुन कुछ मासूम बच्चे
झुग्गी झोपड़ियों से खुश होकर
घुप्प अंधियारे में निकल पड़ते हैं
उसे हथियाने के लिए
यूं ही खेलते-कूदते, लड़ते-झगड़ते
क्योंकि वे भलीभांति जानते हैं हरवर्ष
यही है अपने नसीब का दीवाली उपहार!
..कविता रावत
गुरुवार, 31 अक्तूबर 2024
दीपावली के उपहार
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Hindi Blogger & Youtuber
मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।