दीपावली के उपहार - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 31 अक्तूबर 2024

दीपावली के उपहार

ये जो शहर की तंग गली-कूचों से लेकर
कच्ची-पक्की सड़कों के किनारे
बहुमंजिला इमारतों; बंगलो, मकानों से
सालभर का जमा पुराना कबाड़
बाहर निकल आता है उत्सवी रंगत में
उसकी आहट सुन कुछ मासूम बच्चे
झुग्गी झोपड़ियों से खुश होकर
घुप्प अंधियारे में निकल पड़ते हैं
उसे हथियाने के लिए
यूं ही खेलते-कूदते, लड़ते-झगड़ते
क्योंकि वे भलीभांति जानते हैं हरवर्ष
यही है अपने नसीब का दीवाली उपहार!
..कविता रावत