दूसरे दिन मनाई जाने वाली कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को छोटी दीवाली या नरक चतुर्दशी अथवा रूप चतुर्दशी कहते हैं। पुराण कथानुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने आततायी दानव नरकासुर का संहार कर लोगों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी। इस दिन को श्री कृष्ण की पूजा कर इसे रूप चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितृश्वरों का आगमन हमारे घरों में होता है अतः उनकी आत्मिक शांति के लिए यमराज के निमित्त घर के बाहर तेल का चौमुख दीपक के साथ छोटे-छोटे 16 दीए जलाए जाते हैं। उसके बाद रोली, खीर, गुड़, अबीर, गुलाल और फूल इत्यादि से ईष्ट देव की पूजा कर अपने कार्य स्थान की पूजा की जाती है। पूजा उपरांत सभी दीयों को घर के अलग-अलग स्थानों पर रखते हुए गणेश एवं लक्ष्मी के आगे धूप दीप जलाया जाता है।

लक्ष्मी पूजा की रात्रि को सुखरात्रि भी कहते हैं। इस अवसर पर लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर की पूजा भी की जाती है, जिससे सुख मिले। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पुराणों में कहा गया है कि-
वसामि नित्यं सुभगे प्रगल्भे दक्षे नरे कर्मणि वर्तमाने।
अक्रोधिने देवपरे कृतज्ञे जितेन्द्रिये निम्यपुदीर्णसत्तवे।।
स्वधर्मशीलेषु च धर्मावित्सु, वृद्धोपसवतानिरते च दांते।
कृतात्मनि क्षान्तिपरे समर्थे क्षान्तासु तथा अबलासु।।
वसामि वारीषु प्रतिब्रतासु कल्याणशीलासु विभूषितासु।
सत्यासु नित्यं प्रियदर्शनासु सौभाग्ययुक्तासु गुणान्वितासु।।

चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन की पूजा कर उसे अंगुली पर उठाकर इन्द्र द्वारा की गई अतिवृष्टि से गोकुल को बचाया था। इस पर्व के दिन बलि पूजा, अन्नकूट आदि को मनाए जाने की परम्परा है। इस दिन गाय, बैल आदि पशुओं को स्नान कराकर फूल माला, धूप, चंदन आदि से उनका पूजन किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गौमाता की पूजा करने से सभी पाप उतर जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गोवर्धन पूजा में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मोली, रोली, चावल, फूल, दही, खीर तथा तेल का दीपक जलाकर समस्त कुटुंब-परिजनों के साथ पूजा की जाती है।
दीप पर्व के पांचवे दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। इसमें बहिन अपने भाई की लम्बी आयु व सफलता की कामना करती है। भैयादूज का दिन भाई-बहिन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। बहिने अपने भाई के माथे पर तिलक कर उनकी आरती कर उनकी दीर्घायु की कामना के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता हैं ऐसा माना जाता है कि इसी दिन मृत्यु के देवता यम की बहिन यमी (सूर्य पुत्री यमुना) ने अपने भाई यमराज को अपने घर निमंत्रित कर तिलक लगाकर भोजन कराया था तथा भगवान से प्रार्थना की थी कि उनका भाई सलामत रहे। इसलिए इसे यम द्वितीया कहते हैं।
ज्योति पर्व का प्रकाश आप सभी के जीवन को सुख, समृद्धि एवं वैभव से आलोकित करे,
यही मेरी शुभकामना है...... कविता रावत
अप्रतिम जानकारी. आपको भी सपरिवार इस पंचदिवसीय पर्व दीपावली का हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंआपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (10.11.2015) को "दीपों का त्योंहार "(चर्चा अंक-2156) पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाओं के साथ, सादर...!
बहुत सुन्दर दीपावली लेख...
जवाब देंहटाएंआपको भी दिवाली की बधाई .........
आभार
जवाब देंहटाएंज्योति पर्व की हार्दिक शुभकामनायें , सुन्दर सामयिक पोस्ट
जवाब देंहटाएंसुन्दर विवरण
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें!!!!
सुंदर दीपपर्व विवरण। आपको यह दीवाली शुभ हो, मंगल हो।
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धक पोस्ट !
जवाब देंहटाएंदिवाली की हार्दिक शुभकामनाये
बहुत ही रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियाँ |
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी....
जवाब देंहटाएंआप को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@आओ देखें मुहब्बत का सपना(एक प्यार भरा नगमा)
May Goddess Lakshmi And Lord Ganesha bless you With happiness Progress and prosperty On Diwali and In the year ahead !
जवाब देंहटाएंOn Diwali and in the coming year... May you & your family be blessed with success, prosperity & happiness!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, सामयिक प्रस्तुति। दीप पर्व की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, सामयिक प्रस्तुति। दीप पर्व की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति की चर्चा 12-11-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2158 पर की जाएगी |
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
धन्यवाद
दीप पर्व मुबारक
जवाब देंहटाएंरोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियाँ |
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुती...
जवाब देंहटाएंOnlineGatha One Stop Publishing platform in India, Publish online books, ISBN for self publisher, print on demand, online book selling, send abstract today: http://goo.gl/4ELv7C
जवाब देंहटाएंNice post ... keep sharing this kind of article with us......visit www.dialusedu.blogspot.in for amazing posts ......jo sayad hi aapne kbhi padhe ho.....ek bar jarur visit kren
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