तम्बाकू/धूम्रपान जनित कुछ प्रमुख रोगों के बारे में जानिए और आज ही छोड़ने का संकल्प कीजिए
- कैंसर: तम्बाकू के धुएं से उपस्थित बेंजपाएरीन कैंसर जनित रोग होता है। लगभग 95 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर के मरीज धूम्रपान के कारण होते हैं। विपरीत धूम्रपान मुख कैंसर का कारण होता है। विपरीत धूम्रपान में सिगार का जलता हुआ सिरा मुख में रखा जाता है। विपरीत धूम्रपान आंध्रप्रदेश के गांवों में सामान्य होता है। बीड़ी के धूम्रपान के कारण जीभ, फैरिंग्स (गला), लैरिंग्स, टांन्सिल एवं ग्रासनली के कैंसर हो जाता है। होंठ कैंसर सिगार एवं पाइप के द्वारा होता है। तम्बाकू चबाने से मुख कैंसर होता है।
- टी.बी. (तपेदिक): धूम्रपान से हमारे भारत में सबसे ज्यादा टीबी या तपेदिक के रोगी मिलते हैं। तपेदिक के जीवाणु संक्रमति व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में फैल सकते हैं।
- खांसी एवं ब्रोंकाइटिस : तम्बाकू के धूम्रपान से फैरिंग्स और ब्रोंकाई की म्यूकस झिल्ली उत्तेजित होने के कारण खांसी एवं ब्रोंकाइटिस हो जाता है।
- हृदय संवहनी रोग : तम्बाकू के धूम्रपान के कारण एड्रीनील का स्त्रावण बढ़ जाता है जिससे धमनियों के संकुचन द्वारा रक्त दाब, हृदय स्पंदन की दर में वृद्धि हो जाती है। उच्च रक्त दाब हृदय संबंधी रोगों की संभावनाओं को बढ़ाता है। निकोटीन हृदय के द्विपट कपाट को नष्ट करता हैं
- एम्फाइसिमा- तम्बाकू का धुआं फेफड़ों की एल्वियोलाई की भित्ति तोड़ सकता है। गैसीय विनिमय के लिए सतही क्षेत्रफल को कम कर देता है, जिससे एम्फाइसिमा हो जाता है।
- प्रतिरक्षा तंत्र पर प्रभाव : यह प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर करता है।
- आॅक्सीजन वहन क्षमता में कमी : तम्बाकू के धुंए की कार्बनमोनोआॅक्साइड शीघ्रता से आरबीसी की होमोग्लोबिन को बांधती है एवं सह विषाक्तता का कारण होती है, जो हीमोग्लोबिन की आॅक्सीजन वहन क्षमता को कम करता है।
14 टिप्पणियां:
चेतावनी जनमानस को समझनी चाहियें
सुन्दर पोस्ट।
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी.....
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरूवार (01-06-2017) को
"देखो मेरा पागलपन" (चर्चा अंक-2637)
पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
समझना तो चाहिए पर समझते कहाँ हैं लोग... उपयोगी जानकारी साझा करने हेतु धन्यवाद् कविता जी.
बहुत सुंदर सार्थक एवं प्रेरक संदेश,आपसे पूर्ण सहमत हूँ कविता जी।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ’कर्णम मल्लेश्वरी को जन्मदिन की शुभकामनायें और ब्लॉग बुलेटिन’ में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
बेहतरीन पोस्ट
तम्बाकू का सेवन करने वालों को चेताने वाली प्रस्तुति। बधाई कविता जी।
तम्बाकू का सेवन करने वालों को चेताने वाली प्रस्तुति। बधाई कविता जी।
kavita ji jo log tambhakhu ka sevan karte ha wo abhi ye baat nhi samjhe ge ki isse kya nuksan h isko to wo hi samjh sakta h jinke ghar me kisi aadmi ko tambaku ki wajha se apne jivan se haath dhona pda ho thanku for sharing keep visiting
विचारणीय पोस्ट !
हिन्दी ब्लॉगिंग में आपका योगदान सराहनीय है , आप लिख रही हैं क्योंकि आपके पास भावनाएं और मजबूत अभिव्यक्ति है , इस आत्म अभिव्यक्ति से जो संतुष्टि मिलेगी वह सैकड़ों तालियों से अधिक होगी !
मानती हैं न ?
मंगलकामनाएं आपको !
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
तम्बाकू एक जहर है , कितने लोग इसके कारण असमय ही काल के गाल में चले जाते हैं | इसके विरुद्ध जनजागरण जरूरी है | इस दिशा में आपकी यह पोस्ट बहुत लाभदायक है
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