दरिया जिधर बह निकले वही उसका रास्ता होता है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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बुधवार, 25 अक्तूबर 2017

दरिया जिधर बह निकले वही उसका रास्ता होता है

दो काम एक साथ हाथ में लेने पर एक भी नहीं हो पाता है।
बहुत ज्यादा सोच-विचार वाला कुछ भी नहीं कर पाता  है।।

जो कुछ नहीं जानता वह किसी बात में संदेह नहीं करता है।
जो अधिक जानता है वह कम पर भी विश्वास कर लेता है ।।

जो जल्दी विश्वास कर लेता है वह बाद में पछताता है ।
समझदार आदमी हर मामले में समझदार नहीं होता है ।।

कमजोर काठ को अक्सर कीड़ा जल्दी खा जाता है ।
दरिया जिधर बह निकले वही उसका रास्ता होता है ।।  

18 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

वाह्ह्ह....बहुत खूब👌👌
प्रेरक रचना कविता जी।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर।

दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26-10-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2769 में दिया जाएगा
धन्यवाद

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा देवी को ब्लॉग बुलेटिन का नमन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Jyoti Dehliwal ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति।

'एकलव्य' ने कहा…

बहुत ज्ञानवर्धक सन्देश !

Meena sharma ने कहा…

बहुत सटीक सीख दी है आपने । हर पंक्ति उपयोगी शिक्षा को अपने में समेटे हुए....

Hindikunj ने कहा…

bahut accha !
हिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका

जयन्ती प्रसाद शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर।

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत ही सुन्दर

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सही है समझदार आदमी हर मामले में समझदार नहीं होता ...
हर छंद गहरी सचाई लिए ... जमाने का आइना है ...

रेणु ने कहा…

सार्थक सन्देश भरी सुंदर सरल रचना -------

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

अर्थात् जीवन जैसे चल पड़े चलने दो नदी की तरह।

निर्मला कपिला ने कहा…

वाह्ह्ह्ह बहुत सुन्दर 1

Pammi singh'tripti' ने कहा…

सार्थक संदेश से परिपूर्ण सुंदर रचना..

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

सुंदर रचना..

अपर्णा वाजपेयी ने कहा…

संदेश परक, मुहावरों वाली कविता ने मन मोह लिया.
सादर

शुभा ने कहा…

वाह!!बहुत सुंंदर !!