सोने की बेड़ियां हों तो भी उसे कौन चाहता है?
स्वतंत्रता स्वर्ण से अधिक मूल्यवान होता है
बंदी राजा बनने से आजाद पंछी बनना भला
जेल के मेवे-मिठाई से रूखा-सूखा भोजन भला
स्वतंत्रता का अर्थ खुली छूट नहीं होती है
अत्यधिक स्वतंत्रता सबकुछ चौपट करती है
लोहा हो या रेशम दोनों बंधन एक जैसे होते हैं
फायदे अक्सर आदमी को गुलाम बना देते हैं
स्वतंत्रता स्वर्ण से अधिक मूल्यवान होता है
बंदी राजा बनने से आजाद पंछी बनना भला
जेल के मेवे-मिठाई से रूखा-सूखा भोजन भला
स्वतंत्रता का अर्थ खुली छूट नहीं होती है
अत्यधिक स्वतंत्रता सबकुछ चौपट करती है
लोहा हो या रेशम दोनों बंधन एक जैसे होते हैं
फायदे अक्सर आदमी को गुलाम बना देते हैं