सबको नाच नचाता पैसा - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 8 फ़रवरी 2025

सबको नाच नचाता पैसा

 




नाते रिश्ते इसके पीछे 

सबके आगे रहता पैसा

खूब हंसाता खूब रूलाता

सबको नाच नचाता पैसा


अपने इससे दूर हो जाते 

दूजे इसके पास आ जाते 

दूर पास का खेल ये कैसा

सबको नाच नचाता पैसा


बना काम खुश होकर लौटे

ओढ़ी चादर सो गए तनकर 

काम बिगाड़ा पैसा देकर  

देख हाल ये उड़ गई निंदिया

खाना-पीना हुआ हराम

पकड के सर हम सोचते रह गए 

किसने काम बिगाड़ा ऐसा 

तेरा पैसा मेरा पैसा 

खूब हंसाता खूब रूलाता

सबको नाच नचाता पैसा


काम धाम सब छोडके अपना

भाया क्रिकेट मैच सुहाना

पडते देखा चौका-छक्का

लगा बैठे फिर उस पर सटटा 

जैसे किसी ने पासा पलटा 

चौका-छक्काा पड गया उल्टा

बैठे-ठाले सोच में डूबे 

कौन ये खेला कर गया ऐसा 

तेरा पैसा मेरा पैसा 

खूब हंसाता खूब रूलाता

सबको नाच नचाता पैसा

Song : Kavita Rawat
Music : Ashish Gajbhiye
Singers : Kavitaraj, Ashish