हर मुश्किल राह आसान हो जाएगी तेरी
धीरज रख आगे कदम बढ़ा के तो देख
बहुत हुआ तेरा अब सुनहरे ख्वाब बुनना
नींद त्याग और बाहर निकल के तो देख
कैसे-कैसे लोग वैतरणी तर गए सरपट
याद कर फिर उचक-दुबक चल के तो देख
कुछ भी हासिल न होगा बैठ किनारे तुझे
हिम्मत कर गहरे पानी उतर के तो देख
छोड़ उदासी मिलेगी तुझे तेरी मंजिल
कमर कस पूरे वेग दौड़ लगा के तो देख
सोये लोग भी जागकर साथ चल देंगे तेरे
विश्वास रख झिंझौड़-झिंझौड़ के तो देख
मुर्गे-बकरे काट तू भी बन मोटा आदमी
सोच मत लपड़- झपड़ कर के तो देख
बहुत हुआ गर गिड़गिड़ाना हाथ-पैर जोड़ना
चुप मत रह एक लप्पड़ मार के तो देख
...कविता रावत
धीरज रख आगे कदम बढ़ा के तो देख
बहुत हुआ तेरा अब सुनहरे ख्वाब बुनना
नींद त्याग और बाहर निकल के तो देख
कैसे-कैसे लोग वैतरणी तर गए सरपट
याद कर फिर उचक-दुबक चल के तो देख
कुछ भी हासिल न होगा बैठ किनारे तुझे
हिम्मत कर गहरे पानी उतर के तो देख
छोड़ उदासी मिलेगी तुझे तेरी मंजिल
कमर कस पूरे वेग दौड़ लगा के तो देख
सोये लोग भी जागकर साथ चल देंगे तेरे
विश्वास रख झिंझौड़-झिंझौड़ के तो देख
मुर्गे-बकरे काट तू भी बन मोटा आदमी
सोच मत लपड़- झपड़ कर के तो देख
बहुत हुआ गर गिड़गिड़ाना हाथ-पैर जोड़ना
चुप मत रह एक लप्पड़ मार के तो देख
...कविता रावत