एक लप्पड़ मार के तो देख - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शनिवार, 24 अगस्त 2019

एक लप्पड़ मार के तो देख

हर मुश्किल राह आसान हो जाएगी तेरी
धीरज रख  आगे कदम बढ़ा के तो देख

बहुत हुआ तेरा अब सुनहरे ख्वाब बुनना
नींद त्याग और बाहर निकल के तो देख

कैसे-कैसे   लोग वैतरणी तर  गए  सरपट
याद कर फिर उचक-दुबक चल के तो देख

कुछ भी हासिल न होगा बैठ किनारे तुझे
हिम्मत कर  गहरे पानी उतर के तो देख

छोड़ उदासी  मिलेगी  तुझे तेरी  मंजिल
कमर कस पूरे वेग दौड़ लगा के तो देख

सोये लोग भी जागकर साथ चल देंगे तेरे
विश्वास रख झिंझौड़-झिंझौड़ के तो देख

मुर्गे-बकरे काट तू भी बन मोटा आदमी
सोच मत लपड़- झपड़   कर के तो देख

बहुत हुआ गर गिड़गिड़ाना हाथ-पैर जोड़ना
चुप  मत  रह  एक  लप्पड़ मार के  तो देख

...कविता रावत